डिजिटल डेस्क/जमशेदपुर: सरायकेला जिले के नीमडीह प्रखंड से एक बार फिर दुखद खबर सामने आई है, जहां हेबेन गांव के पहाड़धरा टोला में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात एक हथिनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह 20 दिनों के भीतर नीमडीह प्रखंड में हुई दूसरी हथिनी की मौत है, जिससे वन्यजीव प्रेमियों और स्थानीय प्रशासन में चिंता का माहौल है। इससे पहले 4 जून को भी इसी प्रखंड में एक मादा हाथी की मौत हुई थी।
रात भर गूंजी चीखें
मंगलवार देर रात करीब 3 बजे हथिनी के जोर-जोर से चिंघाड़ने की आवाज सुनकर ग्रामीण दहशत में आ गए। उन्होंने अपने घरों के दरवाजे बंद कर पास के सरकारी आवास की पक्की छत पर शरण ली। कुछ देर बाद हथिनी के बच्चे की भी चीखें सुनाई दीं, जिसके बाद दोनों की आवाजें शांत हो गईं। सुबह 4:30 बजे ग्रामीणों ने हिम्मत कर बाहर देखा तो पाया कि हथिनी का बच्चा मृत मां के चारों ओर चक्कर लगा रहा था और कभी उसके पास जाकर बैठ रहा था। ग्रामीणों को अपनी ओर आता देख बच्चा थोड़ी दूर जाकर खड़ा हो गया, तब ग्रामीणों ने देखा कि हथिनी जमीन पर गिरी हुई है और उसकी मौत हो चुकी है।
पोस्टमार्टम का इंतजार
घटना की सूचना मिलने पर बुधवार सुबह वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से पूछताछ की। टीम ने हथिनी को मृत पाया और अब उसकी मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जिला से एक विशेष पोस्टमार्टम टीम का गठन किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी। चांडिल रेंजर शशि प्रकाश ने पुष्टि की है कि हथिनी की मौत हो गई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कारण स्पष्ट होगा। उन्होंने बताया कि हथिनी का एक बच्चा भी है, जो अपनी मां की मौत के बाद उसके पास ही बैठा था। पोस्टमार्टम के उपरांत हथिनी को उसी स्थान पर दफना दिया जाएगा।
कीटनाशक का संदेह
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान पर हथिनी की मौत हुई है, वहां खेत हैं और किसानों ने उनमें कीटनाशक का छिड़काव किया हुआ है। हालांकि, मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा। इस घटना ने एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष और जंगलों के सिकुड़ने जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।