लोकसभा में गुरुवार को नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि “50 लाख में 2000 करोड़ की संपत्ति गांधी परिवार ने कब्ज़ा की… खाता न बही, राहुल गांधी जो कहें वही सही।”
दुबे के इस बयान के बाद सदन में राजनीतिक तापमान और बढ़ गया।
क्या है नेशनल हेराल्ड विवाद?
यह मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है। 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने धोखाधड़ी के जरिए AJL का अधिग्रहण किया।
आरोपों के प्रमुख आधार
कांग्रेस ने AJL को 90 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त कर्ज दिया।
यह कर्ज बाद में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YI) को ट्रांसफर किया गया।
YI में सोनिया और राहुल गांधी की कुल 76% हिस्सेदारी है।
ईडी का आरोप है कि इस प्रक्रिया से AJL की करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियां सिर्फ 50 लाख रुपये में YI के नियंत्रण में चली गईं।
संपत्तियों के उपयोग पर भी सवाल
जांच एजेंसियों का दावा है कि अखबार संचालन के लिए रियायती दरों पर मिली संपत्तियों का व्यावसायिक उपयोग किया गया और किराया अर्जित हुआ, जो लीज शर्तों का उल्लंघन है।
जांच की मौजूदा स्थिति
ईडी राहुल और सोनिया गांधी से पूछताछ कर चुकी है।
नवंबर 2025 में दिल्ली पुलिस की EOW ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की नई FIR दर्ज की है।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस इन आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध बताती है। पार्टी का कहना है कि YI एक गैर-लाभकारी संस्था है, इसलिए व्यक्तिगत लाभ का कोई सवाल नहीं।

