जब बादाम, अंडे और फ्लॉस बने बदले के हथियार : वैश्विक बाजार में ट्रंप बनाम यूरोप की टैरिफ जंग

KK Sagar
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू की गई टैरिफ वॉर अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है। जवाबी कार्रवाई में यूरोपीय संघ (EU) ने भी ट्रंप की शैली में ही पलटवार करने का फैसला किया है। इस बार हथियार बने हैं – हीरे, अंडे और यहां तक कि डेंटल फ्लॉस!

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूरोपीय आयोग ने सोमवार को कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है, जो 16 मई से लागू हो सकता है। कुछ वस्तुओं पर यह टैरिफ दिसंबर से प्रभावी होगा। इन वस्तुओं में पोल्ट्री, अंडे, बादाम, सोयाबीन और यहां तक कि दांत साफ करने वाला डेंटल फ्लॉस भी शामिल है।

हालांकि, प्रारंभिक सूची में शामिल बोरबन, वाइन और डेयरी उत्पादों को फिलहाल बाहर कर दिया गया है, क्योंकि इन पर टैरिफ लगाने से फ्रांस और इटली जैसे बड़े वाइन उत्पादक देशों को नुकसान हो सकता था। इससे पहले अमेरिका ने इन उत्पादों पर भारी टैरिफ की धमकी दी थी।

EU के व्यापार प्रमुख मारोस सेफकोविक ने बताया कि ये जवाबी टैरिफ पहले घोषित 26 बिलियन यूरो के मुकाबले कम प्रभावशाली होंगे, लेकिन इनका मकसद अमेरिका को स्पष्ट संदेश देना है। इसके साथ ही 1 अप्रैल से स्टील पर सख्त नियम लागू किए गए हैं, जिससे स्टील का आयात 15% तक घट गया है। अब एल्यूमीनियम पर भी आयात कोटा लगाए जाने पर विचार चल रहा है। इस प्रस्ताव पर EU के सदस्य देश 9 अप्रैल को मतदान करेंगे।

ट्रेड वॉर का नया अध्याय?

ट्रंप के स्टील और एल्यूमीनियम पर लगाए गए टैरिफ के खिलाफ यह यूरोपीय संघ की सोची-समझी रणनीति मानी जा रही है। सोशल मीडिया पर इस कदम को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कोई कह रहा है, “अमेरिका ने खेल शुरू किया, अब यूरोप भी मैदान में है,” तो किसी ने मजाक में लिखा, “डेंटल फ्लॉस तक को बख्शा नहीं!”

अब देखना होगा कि ये व्यापारिक खींचतान किस दिशा में जाती है, लेकिन फिलहाल इतना तय है कि टैरिफ की इस जंग में कोई भी पक्ष पीछे हटने के मूड में नहीं है।

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