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तिरुपति बालाजी मंदिर की सुरक्षा में किसने मारी सेंध : लड्डू में चर्बी और मछली तेल मिलाकर आखिर आस्था और धर्म को भ्रष्ट करने की किसने रची साजिश

भारत के टॉप 8 मंदिरो में तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम को लेकर जहाँ करोड़ों भक्तों की आस्था से खिलवाड़ का आरोप लगाया गया है वहीं धर्म के आधार पर भी देश में महासंग्राम छिड़ा हुआ है। लिहाजा संत समाज बेहद गुस्से में है और बालाजी में आस्था रखने वाले श्रद्धालु बुरी तरह आहत हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि आखिर तिरुपति के प्रसाद में भी कोई मिलावट हो सकती है।

लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिले होने की खबर

बता दें कि बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिले होने की खबर के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बाद गुजरात की लैब रिपोर्ट में भी इस बात की जानकारी दी गई कि लड्डू प्रसाद में पशु चर्बी और मछली के तेल के अंश मिले हैं।

एक दिन में बनते हैं 3.5 लाख लड्डू

जानकारी दे दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू प्रसादम मंदिर के भीतर पोटु में तैयार होता है, जिसमें बेसन,चीनी, शुद्ध देसी घी समेत कई तरह की सामग्री का इस्तेमाल होता है। हर बैच में करीब 5100 लड्डू होते हैं और एक दिन में 3.5 लाख लड्डू बनते हैं। इसके अलावा कल्याणोत्सवम लड्डू बनते हैं।

तिरुपति तिरुमाला में तीन तरह के लड्डू

तिरुमाला मंदिर में तीन तरह के लड्डू मिलते हैं। लगभग 40 ग्राम वजन वाले छोटे लड्डू को दर्शन करने और मंदिर से बाहर आने पर सभी भक्तों को प्रसाद के रूप में मुफ्त दिया जाता है. 175 ग्राम वजन वाले मध्यम आकार के लड्डू की कीमत 50 रुपये प्रति लड्डू होती है। 750 ग्राम वजन वाले बड़े आकार के लड्डू की कीमत 200 रुपये प्रति लड्डू होती है। तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम ने विशेष लड्डू तैयार किए जाते हैं जो 15 दिनों तक फ्रेश रहते हैं। लड्डू को नई पैकेजिंग तकनीक से पैक किया जाता है, इसलिए भक्त लड्डू को लंबे समय तक रख सकते हैं। ऑटोमैटिक मशीनों से पैकिंग की जाती है और पैकेजिंग लागत प्रति पैकेट 0.50 पैसे होती है।

प्रसाद के जरिए सालाना करीब 400-600 करोड़ रुपये की कमाई

आपको बता दें क भारत के टॉप 8 मंदिरो में तिरुपति बालाजी मंदिर सबसे अमीर है। तिरुपति ट्रस्ट की कमाई का बड़ा हिस्सा प्रसाद से ही होती है। ट्रस्ट के पास प्रसाद के जरिए करीब 400-600 करोड़ रुपये आते हैं। इसके अलावा 338 करोड़ रुपये दर्शन टिकट से आते हैं।

अमूल ने कहा हमने मंदिर को कभी भी घी की सप्लाई नहीं की

इधर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित तिरुमाला मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद के लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद के बीच अमूल ने शुक्रवार को सफाई देते हुए कहा कि उसने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को कभी घी नहीं दिया।

उच्च गुणवत्ता वाले आईएसओ प्रमाणित शुद्ध घी

अमूल के बयान में कहा गया है कि अमूल घी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को आपूर्ति किया जा रहा था। हम बताना चाहते हैं कि हमने कभी भी तिरुपति मंदिर को अमूल घी की सप्लाई नहीं की है। अमूल कंपनी ने कहा कि हम यह भी साफ करना चाहते हैं कि ‘अमूल घी हमारे अत्याधुनिक प्रोडक्शन प्लांट्स में दूध से बनाया जाता है, जो आईएसओ प्रमाणित हैं। अमूल घी उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध दूध वसा से बनाया जाता है। हमारी डेयरियों में हासिल दूध एफएसएसएआई द्वारा निर्दिष्ट मिलावट का पता लगाने सहित कठोर गुणवत्ता जांच से गुजरता है।

वाईएस ने कहा कि टीडीपी धार्मिक मामलों का कर रही है राजनीतिकरण

तिरुपति लड्डू मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है। रेड्डी ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और योग्यता मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं। सप्लाई करने वाले को एनएबीएल प्रमाणपत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र देना होता है। टीटीडी घी का सैंपल लेता है और केवल उन्हीं सामानों का उपयोग किया जाता है, जो सर्टिफिकेट की प्रक्रिया पास करते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मांगी रिपोर्ट

टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है। हमारे शासन में, हमने 18 बार उत्पादों को अस्वीकार कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को सीएम नायडू से बात की और इस मुद्दे पर पूरी रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मामले की जांच करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।

KK Sagar
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