देश की सियासत इस समय उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर गरमा गई है। जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे और गायब हो जाने के बाद इस पद को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अब 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव होना तय है, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।
एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन – कौन होगा उपराष्ट्रपति?
एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, वहीं इंडिया गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। समीकरणों के लिहाज से एनडीए की जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष भी पूरे आत्मविश्वास के साथ मुकाबले में उतरा है। विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी ने हाल ही में दावा किया कि वे 100 फीसदी जीतेंगे।
संख्याबल का खेल – कौन कहां खड़ा?
संसद में कुल 782 सांसद (लोकसभा 542 और राज्यसभा 240) हैं।
जीत के लिए 392 मतों की जरूरत होगी।
एनडीए के पास 405 सांसदों का समर्थन है (लोकसभा 293 और राज्यसभा 112)।
विपक्ष 355 सांसदों के समर्थन का दावा कर रहा है, यानी बहुमत से 37 वोट पीछे।
दिलचस्प बात यह है कि करीब 100 सांसदों ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। विपक्ष इन्हीं सांसदों पर दांव लगाकर बहुमत जुटाने की कोशिश में है।
निर्विरोध चुनाव की कोशिश नाकाम
जैसे ही एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन का नाम घोषित किया, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले थे। चर्चा थी कि एनडीए चाहता था कि चुनाव निर्विरोध हो, लेकिन कांग्रेस ने सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारकर यह रणनीति फेल कर दी।
इतिहास में कितनी बार हुए निर्विरोध उपराष्ट्रपति
अब तक केवल 4 बार निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने गए हैं।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1952 और 1962, लगातार दो बार)।
मो. हिदायतुल्लाह (1979)।