लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई 2024 को हुए दर्दनाक भगदड़ कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है। सरकार ने इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे।
यह भगदड़ कथावाचक भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के सत्संग के दौरान हुई थी, जहां अनुमानित दो लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, जबकि प्रशासन ने सिर्फ 80,000 लोगों की अनुमति दी थी। घटना के बाद बाबा कार्यक्रम स्थल से गायब हो गए थे, जिससे वे सवालों के घेरे में आ गए थे।
सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में भगदड़ के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया गया है और किसे क्लीनचिट दी गई है, इस पर अभी आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। रिपोर्ट को मौजूदा विधानसभा सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ 3200 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है। हालांकि, आरोपपत्र में भोले बाबा का नाम शामिल नहीं किया गया है। इस पर बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। याचिका में सरकार को स्थिति रिपोर्ट सौंपने और भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान भगदड़ रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।
हाथरस भगदड़ मामले को लेकर पूरे देश की नजर अब सरकार द्वारा रिपोर्ट पेश करने और उसमें किए गए खुलासों पर टिकी है।