डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र महासंघों द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल का आज पूरे देश भर में व्यापक असर देखने को मिला। केंद्र सरकार की नई श्रम संहिताओं और निजीकरण की नीतियों के विरोध में बुलाई गई इस हड़ताल से शहर की कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित हुई। हड़ताल के कारण जमशेदपुर में बैंकिंग और बीमा सेवाएं पूरी तरह से ठप रही।

अधिकांश बैंकों और बीमा कार्यालयों के शटर गिरे रहे, जिससे ग्राहकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर भागीदारी के चलते वित्तीय लेनदेन और अन्य आवश्यक बैंकिंग कार्य पूरी तरह से रुक गए। वहीं बिहार में भी भारत बंद का असर व्यापक रहा, जिसमें परिवहन, बैंकिंग और अन्य सार्वजनिक सेवाओं पर खासा प्रभाव पड़ा।

झारखंड के कोयला खनन क्षेत्रों में हड़ताल का गहरा असर दिखा, जिससे कोयला उत्पादन और ढुलाई पूरी तरह से बाधित रही। जमशेदपुर से जुड़े इन क्षेत्रों में काम ठप पड़ने से ऊर्जा क्षेत्र को भी अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान हुआ। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र और गम्हरिया जैसे प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में हड़ताल का आंशिक प्रभाव रहा। हालांकि, बड़ी औद्योगिक इकाइयों में काम सामान्य से कम कर्मचारियों के साथ चला, वहीं कई छोटी इकाइयों को उत्पादन अनुसूची को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

हड़ताल के दौरान साकची आमबगान मैदान से एक विशाल विरोध रैली निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में मजदूर और विभिन्न सहयोगी संगठनों के सदस्य शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए और अपनी मांगों पर जोर दिया। यूनियनों की मुख्य मांगें नए श्रम संहिताओं को रद्द करना, न्यूनतम मासिक वेतन 26,000 रुपये और न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये निर्धारित करना शामिल थी।

यह हड़ताल मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सशक्त संदेश थी, जिसने जमशेदपुर के सामान्य जनजीवन और आर्थिक गतिविधियों को अस्थायी रूप से प्रभावित किया।
