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झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड की राजनीति में अब बहुत कुछ देखने को मिल सकता है। बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से नियमित ज़मानत मिल गई है। हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव से 4 महीने पहले जेल से बाहर निकले हैं।
विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की एंट्री के बाद अब कई सारे सवाल उठने लगे हैं कि क्या एक बार फिर झारखंड की सत्ता में हेमंत सोरेन की एंट्री होने वाली है?
क्या हेमंत फिर से सीएम की कुर्सी संभालेंगे?
शुक्रवार को जेल से बाहर आए हेमंत सोरेन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ-साथ झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी जेएमएम के मुखिया भी हैं। उन्हें इसी साल 31 जनवरी को जमीन घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। अब मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हेमंत फिर से सीएम की कुर्सी संभालेंगे?
झारखंड की 81 सीटों के लिए इसी साल होने हैं विधानसभा चुनाव
इधर झारखंड की 81 सीटों के लिए इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, जहां पर जेएमएम गठबंधन और बीजेपी में सीधा मुकाबला है। विदित हो कि 2019 में भी विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत ने पूरे राज्य का दौरा किया था और पार्टी को इसका फायदा भी हुआ था जिसमें जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन को 81 में से 47 सीटों पर जीत मिली थी।
कल्पना की भूमिका पर सवाल
इधर चर्चा है कि जेल से निकलने के बाद हेमंत जल्द ही विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राज्य के दौरे पर निकल सकते हैं। वहीं हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने पार्टी प्रचार का जिम्मा अपने कंधों पर उठाते हुए मार्च में सक्रिय राजनीति में एंट्री की थी। उस दौरान पूरे लोकसभा चुनाव में कल्पना ने 50 से ज्यादा छोटी-बड़ी सभाओं को संबोधित किया था जिसका फ़ायदा जेएमएम को चुनाव में मिला भी और पार्टी की सीटें 1 से बढ़कर 3 पर पहुंच गई।
ज्ञात रहें कि कल्पना अभी गिरिडिह के गांडेय विधानसभा सीट से विधायक हैं। अब हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने पर कल्पना की भूमिका पर भी चर्चा है। JMM सूत्रों के मुताबिक पार्टी में कल्पना की भूमिका पहले की तरह ही प्रचारक की रहेगी।
लोकसभा में हेमंत को मिला था सिंपैथी वोट : राज्य में आदिवासियों के लिए 28 विधानसभा सीट रिजर्व
बता दें कि राज्य में आदिवासियों के लिए 28 सीट रिजर्व है ऐसे में जमानत पर बाहर निकलने के साथ इसे भी वोट के लिए विधानसभा चुनाव में भुनाएंगे ऐसा कहा जाना अतिश्योक्ति नहीं होगी। बता दें कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नाम पर इस चुनाव में जेएमएम को जबरदस्त सिंपैथी वोट मिला लिहाजा इसी वोटों के बल पर आदिवासी रिजर्व की सभी 5 सीटों पर इंडिया गठबंधन चुनाव जीत गई। अब आगे भी हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव में इससे भी वोट बटोर सकते हैं।
इंडिया गठबंधन को 5 सीटो पर जीत से बीजेपी को हुआ नुकसान
बात लोकसभा के हालिया चुनाव की करें तो इंडिया गठबंधन को 5 सीटो पर जीत मिली है। जिस वक्त हेमंत सोरेन जेल में बंद थे इसी दौरान गठबंधन ने खूंटी, लोहरदगा और दुमका सीट को इस बार बीजेपी से छीन लिया है। इस लिहाज से अब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ चुके हैं और अब सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी को विधानसभा चुनाव में नुकसान होगा?
बहरहाल जो भी हो अब आने वाले विधानसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति में जरूर उथल पुथल होने वाली है। आगे सत्ता की कमान के साथ चुनाव प्रचार और सीट को लेकर रणनीति निकलकर सामने आएगी।