नई दिल्ली। आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इन्फोसिस (Infosys) ने अपने अटेंडेंस सॉफ्टवेयर में बदलाव करने का फैसला किया है, ताकि कर्मचारी हर महीने कम से कम 10 दिन ऑफिस से काम करें। कंपनी ने अपने फंक्शनल हेड्स को भेजे गए ईमेल में इस नई नीति की जानकारी दी, जो 10 मार्च 2025 से लागू होगी।
वर्क-फ्रॉम-होम के दिनों की होगी सीमा
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन्फोसिस ने ईमेल में कहा है कि अटेंडेंस सिस्टम में बदलाव किए जाएंगे, जिससे कर्मचारियों के लिए घर से काम करने के दिनों की संख्या सीमित हो जाएगी। यह कदम हाइब्रिड वर्क मॉडल को व्यवस्थित करने और कर्मचारियों को ऑफिस में आने के लिए प्रेरित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, कंपनी ने लचीलेपन का ध्यान रखते हुए सीमित दिनों के लिए वर्क-फ्रॉम-होम की सुविधा जारी रखने की बात भी कही है।
किन कर्मचारियों पर लागू होगा नया नियम?
इन्फोसिस के इस फैसले का असर करीब 3.23 लाख कर्मचारियों में से जॉब लेवल 5 (JL5) और उससे नीचे के कर्मचारियों पर पड़ेगा। इसमें टीम लीडर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सीनियर इंजीनियर, सिस्टम इंजीनियर और कंसल्टेंट शामिल हैं।
कौन से कर्मचारी नियम से रहेंगे बाहर?
इस नीति का असर मैनेजर, सीनियर मैनेजर और डिलीवरी मैनेजर (JL6 और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारी) पर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, वाइस प्रेसिडेंट और उच्च पदस्थ अधिकारी भी इस बदलाव से मुक्त रहेंगे।
इन्फोसिस क्यों चाहता है कि कर्मचारी ऑफिस आएं?
कंपनी का मानना है कि ऑफिस से काम करने से टीम के बीच बेहतर समन्वय, सहयोग और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, कंपनी की कार्यसंस्कृति को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। हालांकि, कर्मचारियों को पूरी तरह से अनिवार्य रूप से ऑफिस बुलाने के बजाय, उन्हें लचीले ढंग से काम करने की छूट भी दी जाएगी।
इन्फोसिस के इस नए कदम को कंपनी के कार्य मॉडल में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिससे ऑफिस में कर्मचारियों की उपस्थिति को बढ़ाया जा सके और हाइब्रिड वर्किंग कल्चर को संतुलित रखा जाए।