आज, 17 जनवरी 2025 को जिले के बलियापुर प्रखंड में प्रवासी मजदूरों से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला एवं “Mobilization cum Skill Awareness” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सहायक श्रमायुक्त प्रवीण कुमार ने प्रवासी श्रमिकों से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वे श्रमिक जो रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों या देशों में बेहतर रोजगार की तलाश में जाते हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से श्रमाधान.झारखण्ड.जी0ओ0भी0.कॉम पोर्टल पर प्रवासी मजदूर अधिनियम 1979 के अंतर्गत निबंधन कराना चाहिए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री झारखंड प्रवासी श्रमिक दुर्घटना कोष से सहायता
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सहायक श्रमायुक्त ने यह भी बताया कि यदि जिले का कोई प्रवासी श्रमिक सामान्य मृत्यु, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के कारण असमर्थ हो जाता है, तो उसे अपने घर तक लाने के लिए मुख्यमंत्री झारखंड प्रवासी श्रमिक दुर्घटना कोष से 50,000 रुपये तक की राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि प्रवासी श्रमिक की दुर्घटना में दो अंगों या दोनों आंखों या किसी अंग की हानि होती है, या दुर्घटना/प्राकृतिक आपदा में उनकी मृत्यु होती है, तो पंजीकृत और अपंजीकृत प्रवासी श्रमिकों को 75,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सारथी योजना की जानकारी
कार्यशाला के दौरान जिला कौशल पदाधिकारी और UNDP धनबाद द्वारा मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत चल रही सभी उपयोजनाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई। योजना के अंतर्गत चल रहे विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों और उनके प्रशिक्षण विषयों की जानकारी उपस्थित लोगों से साझा की गई। इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं, और बेरोजगार युवाओं को इससे जोड़ने के लिए गहन चर्चा की गई।
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प्रखंड के मुखिया एवं पार्षदों द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि वे पूरी तरह से युवाओं को इस योजना से जोड़ने में मदद करेंगे और उन्हें प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित करेंगे।
सहायक श्रमायुक्त द्वारा विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी
सहायक श्रमायुक्त ने श्रम विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से (ऑडियो-वीडियो) प्रदर्शित किया और सभी आगंतुकों से अपील की कि जो भी मजदूर अपने राज्य से दूसरे राज्य में कार्य करने जाते हैं, वे अपना निबंधन प्रवासी मजदूर के रूप में श्रम विभाग में जरूर कराएं। इसके साथ ही, उन्होंने झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना, झारखंड भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में निबंधन और मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत संचालित योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
बाल श्रम और किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 की जानकारी
सहायक श्रमायुक्त ने बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने निम्नलिखित जानकारी दी:
बाल श्रम, यानी 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से कार्य लेना, न केवल सामाजिक कुरीति है, बल्कि यह कानूनन अपराध भी है।
किसी भी नियोजन में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नियोजन प्रतिबंधित है।
किसी भी खतरनाक नियोजन और प्रक्रिया में 18 वर्ष से कम आयु के अल्पव्यस्कों का नियोजन प्रतिबंधित है।
यदि इन कार्यों में 18 वर्ष से कम आयु के बालक/बालिका/अल्पव्यस्क नियोजित पाए जाते हैं, तो दोषी नियोजकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
किसी भी प्रतिष्ठान में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का या खतरनाक नियोजनों में आयु वर्ग 14-18 वर्ष के बच्चों का नियोजन प्रतिबंधित है। उल्लंघन की स्थिति में 20,000 रुपये से 50,000 रुपये तक का जुर्माना या 6 माह से 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों सजा हो सकती है।
सहायक श्रमायुक्त ने सभी से अपील की कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी नियोजन में तथा 18 वर्ष से कम उम्र के अल्पवयस्कों से खतरनाक नियोजन या प्रक्रिया में कोई कार्य न लिया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर किसी घर, होटल, ढाबा, ईंट-भट्ठा, मोटर गैरेज, क्रशर, खदान, कारखाना इत्यादि में कोई बाल श्रमिक या किसी खतरनाक प्रक्रिया में 18 वर्ष से कम आयु का अल्पव्यस्क कार्यरत पाया जाता है, तो इसकी सूचना टॉल फ्री संख्या 18003456526 और 1098 पर दी जा सकती है।
कार्यशाला में उपस्थित व्यक्ति
कार्यशाला में प्रखंड के प्रमुख, उप प्रमुख, मुखिया, वार्ड सदस्य और अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे। सभी ने इस कार्यशाला के महत्व को समझा और प्रवासी श्रमिकों के हित में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।