रामगढ़: प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना (PMMKSY) के तहत मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के उद्देश्य से वर्ल्ड बैंक और AFD (Agence Française de Développement) की उच्चस्तरीय पांच सदस्यीय टीम ने झारखंड के रामगढ़ और हजारीबाग जिले का दौरा किया।
इस टीम में वर्ल्ड बैंक से मिस्टर जुलियन मिलियन (सीनियर फिशरीज इंडस्ट्री स्टैंडर्ड स्पेशलिस्ट), AFD से मिस ऑर्फी सिलार्ड और निधि बत्रा, भारत सरकार की PMMKSY इकाई से आई.ए. सिद्दीक़ी और मत्स्य विभाग से मसूम वहिद शामिल थे।टीम का उद्देश्य योजना की प्रगति को समझना और मत्स्य पालकों के जीवन स्तर में आए सुधार का जायजा लेना था।
सबसे पहले, टीम को मोती पालन से जुड़े कार्यों की जानकारी दी गई। बुधन सिंह पूर्ति, प्रगतिशील मोती पालक, ने अपने अनुभव साझा किए और पश्चिमी सिंहभूम से आए करीब 10 किसान समूहों ने भी भाग लिया।संत जेवियर कॉलेज के प्राध्यापक डा. रितेश शुक्ला ने मोती पालन से जुड़ी तकनीकी जानकारी दी।
इसके पश्चात टीम ने धुर्वा सेक्टर-2 के साइड-5 में स्थित प्रज्ञा केंद्र (CSC) का दौरा किया, जहां नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) पर मत्स्य कृषकों का पंजीकरण किया जा रहा है।रामगढ़ में कुजू आरा कोल माइंस में जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृत और उपायुक्त चंदन कुमार के दिशा-निर्देश में बंद पड़ी खदानों में केज कल्चर विधि से मछली पालन की गतिविधि देखी गई। यहां करीब 70 लोग समूह बनाकर इस उन्नत विधि से मत्स्य पालन कर रहे हैं। टीम इस नवाचार से काफी प्रभावित हुई।
हजारीबाग में भी टीम ने मत्स्य पालन की गतिविधियों का अवलोकन किया। इस दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी आरुप चौधरी, संयुक्त मत्स्य निदेशक अमरेंद्र कुमार, उप निदेशक शंभू प्रसाद यादव, उप निदेशक संजय गुप्ता, और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय निदेशक सरफराज भी उपस्थित थे।