मिरर मीडिया : ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) कंपनी की ओर से बनाया गया ‘मॉस्कीरिक्स’ दुनिया का पहला मलेरिया रोधी टीका है। WHO ने दुनिया में पहली बार तैयार हुए मलेरिया रोधी टीके को तीन अफ्रीकी देशों में लगाने की घोषणा की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार टीका लगभग 30 प्रतिशत प्रभावी है और इसकी 4 खुराक लेनी होती हैं। इस टीके को बनाने में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने 20 करोड़ डॉलर का भारी फंड दिया था। डब्ल्यूएचओ ने इस टीके को मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक सफलता करार दिया है।
गेट्स फाउंडेशन के मलेरिया से संबंधित कार्यक्रमों के निदेशक फिलिप वेल्कहॉफ ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि मलेरिया टीके की प्रभावकारिता जितनी हम चाहते थे, उससे काफी कम है। यह टीका काफी महंगा भी है और सही लोगों तक इसकी सप्लाई करवाना भी काफी चुनौतीपूर्ण है। अगर हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचानी है तो टीके की कीमत और क्वालिटी दोनों देखनी होगी।
अगले 5 वर्षो में आ सकता है 1 और टीका
लीवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में बायोलॉजिकल साइंस के डीन एलिस्टर क्रेग ने कहा, ‘यह दुनिया का कोई बहुत बड़ा टीका नहीं है, लेकिन इसके इस्तेमाल से बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। क्रेग ने कहा, ‘ऐसा भी नहीं है कि हमारे पास बहुत से अन्य विकल्प मौजूद हैं। अगले 5 वर्षों में एक और टीके को मंजूरी दी जा सकती है। लेकिन अगर हम तब तक प्रतीक्षा करते हैं तो बहुत से लोगों की जान जा सकती है।