Mirror Media Digital Desk | 21 जुलाई 2025
श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। सावन के सोमवारों को शिव भक्त पूरी भक्ति के साथ व्रत रखते हैं और जलाभिषेक करते हैं।
आज 21 जुलाई को सावन की दूसरी सोमवारी है। पूरे देश में मंदिरों में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक कर रहे हैं।
इस बार की दूसरी सोमवारी कई शुभ योगों के कारण बेहद खास मानी जा रही है। शिव आराधना के साथ कामिका एकादशी का योग भी है, जिससे भक्तों को पुण्यफल कई गुना मिल रहा है।
क्यों खास है सावन की दूसरी सोमवारी?
शिव भक्ति का सबसे उत्तम दिन:
सावन का प्रत्येक सोमवार शिव पूजा के लिए शुभ होता है, लेकिन इस बार कामिका एकादशी भी साथ पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है।
विशेष संयोग:
आज के दिन सिद्धि योग, वृद्धि योग और रात 9 बजे से अमृत सिद्धि योग भी है। यह संयोग पूजा-पाठ और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूजन विधि: कैसे करें शिव की आराधना?
सुबह से शाम तक इन विधियों का पालन करें:
- स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
- शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद से पंचामृत चढ़ाएं।
- बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, गन्ने का रस अर्पित करें।
- धूप-दीप जलाकर ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करें।
- भगवान शिव की आरती करें।
- ब्राह्मणों को दान दें और कथा श्रवण करें।
व्रत के नियम: क्या करें और क्या न करें
क्या करें?
फलाहार लें – साबूदाना, मखाना, फल आदि।
शिव मंदिर जाकर जलाभिषेक करें।
जरूरतमंदों को दान-पुण्य करें।
दिनभर शिव मंत्रों का जाप करें।
क्या न करें?
शिवलिंग पर तुलसी पत्र न चढ़ाएं।
केतकी के फूल, हल्दी, सिंदूर भी शिव पूजन में वर्जित हैं।
व्रत में नमक, तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
असत्य वचन, क्रोध और छल-कपट से बचें।
कांवड़ यात्रा की गूंज: श्रद्धालुओं की अपार भीड़
उत्तर भारत के कई शहरों में कांवड़ यात्रा का खास नजारा देखने को मिल रहा है।
हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, चंदौसी जैसे शहरों में कांवड़ियों का तांता लगा है।
शिवभक्त गंगाजल भरकर अपने-अपने गांव के शिवालय में जल अर्पण करने जा रहे हैं।
प्रशासन ने सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। जगह-जगह सीसीटीवी निगरानी, मेडिकल कैम्प और जलपान की व्यवस्था की गई है।
श्रद्धा और भक्ति का पर्व
सावन की सोमवारी केवल व्रत का दिन नहीं, बल्कि जीवन में धैर्य, संयम और आस्था की परीक्षा का पर्व है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु हर कठिनाई को सहर्ष स्वीकार करते हैं।
मान्यता है कि सावन में सोमवार का व्रत रखने और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, वैवाहिक अड़चनें समाप्त होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।