संवाददाता, मिरर मीडिया: भारतीय क्रिकेट के अनुभवी विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर का अंतिम मुकाबला रणजी ट्रॉफी में खेला। साहा ने अपने संन्यास की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए एक भावुक संदेश लिखा, जिसमें उन्होंने अपने परिवार, टीमों और उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके करियर में योगदान दिया।
संन्यास पर साहा का भावुक संदेशसोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने संदेश में ऋद्धिमान साहा ने लिखा कि अपने देश, राज्य, जिला, क्लब, विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल का प्रतिनिधित्व करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने मौजूदा सत्र की शुरुआत में ही क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बना लिया था।
संन्यास के बाद कोचिंग में उतर सकते हैं साहाक्रिकेट से संन्यास के बाद ऐसा माना जा रहा है कि ऋद्धिमान साहा कोचिंग में कदम रख सकते हैं। साल 2014 में एमएस धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद साहा को भारतीय टेस्ट टीम का नियमित विकेटकीपर बनाया गया था। हालांकि, 2021 में उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला और इसके बाद ऋषभ पंत के फिट होने के बाद टीम में उनकी जगह नहीं बन पाई।
ऋद्धिमान साहा ने भारत के लिए कुल 40 टेस्ट मैच खेले और उन्हें लाल गेंद के प्रारूप में भारत का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर माना जाता था। उनके मार्गदर्शन में युवा विकेटकीपर अभिषेक पोरेल बंगाल के तीनों प्रारूपों में नियमित विकेटकीपर के रूप में उभरे हैं। इसके अलावा, पोरेल वर्तमान में इंडिया ए टीम का भी हिस्सा हैं।
हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स ने अभिषेक पोरेल को आगामी आईपीएल 2025 के लिए रिटेन कर लिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि साहा की मेंटोरशिप का असर युवा खिलाड़ियों पर पड़ा है। साहा का क्रिकेट से संन्यास लेना भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है, लेकिन उनके अनुभव का लाभ युवा खिलाड़ियों को मिल सकता है।