रविन्द्र भवन में यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए मार्गदर्शन सेशन आयोजित, 1100 विद्यार्थी हुए शामिल, मिले ज़रूरी टिप्स, सफलता के ये मूलमंत्र

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : जिले के भावी यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए विशेष मार्गदर्शन सेशन का आयोजन रविन्द्र भवन सभागार साकची में किया गया। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कैसे करें, तैयारी के दौरान किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखें जिससे एकाग्र होकर परीक्षा दिया जाए, परीक्षा के दौरान का तनाव, विषय का चुनाव आदि विषयों पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल जिला उपायुक्त विजया जाधव, विशिष्ट अतिथि एसडीएम धालभूम संदीप कुमार मीणा, सिटी एसपी के. विजय शंकर, भारतीय वन्य सेवा के पदाधिकारी मौन प्रकाश, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नन्दकिशोर लाल, कार्यपालक दंडाधिकारी सुमित प्रकाश व निशा कुमारी द्वारा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया। कार्यक्रम में जिले के 60 शैक्षणिक संस्थानों के करीब 1100 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। विद्यार्थियों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान की चुनौतियों तथा उससे उचित तरीके से संभालने की कला को बारीकियों से बताया गया। यूपीएससी परीक्षा को लेकर मिथ्या व भ्रांतियों को भी दूर किया गया। इस दौरान कुछ विद्यार्थियों ने सभी वक्ताओं से अपने सवाल पूछे जिसका सभी ने बारी-बारी से जवाब भी दिया।

जिला उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि सही मेंटरशिप, घर की परिस्थितियां ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिसके कारण बच्चे भटक जाते हैं। युवाओं के साथ संवाद स्थापित कर उनका सही मार्गदर्शन किया जाए तो निश्चित ही वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि किसी भी परीक्षा की तैयारी व सफलता के लिए मेडिटेशन व मानसिक रूप से स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। अपनी ऊर्जा को सही दिशा दीजिए तब एक अच्छा कैरियर बना पाएंगे। 17-25 आयु वर्ग के बहुत युवाओं को अपने जीवन में क्या करना है, यहीं नहीं पता होता है। अवसर सबके लिए है पर अवसर क्या है यहीं नहीं पता होता है। अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र हों ताकि आप अपने लिए सही कैरियर के बारे में सोच सकें।

जिला उपायुक्त ने कहा कि यूपीएससी एक ऐसी परीक्षा है जिससे 26-27 सेवाओं में प्रवेश पा सकते हैं जिसमें सेन्ट्रल सर्विस और ऑल इंडिया सर्विस शामिल हैं। समय के साथ यूपीएससी ने कई रणनीतिक बदलाव किए हैं, पुराने वर्षों के प्रश्नों का पैटर्न जरूर देखें। उन्होने कहा कि फोकस बहुत जरूरी है। जिसका दिमाग एकाग्र है, जिनका अपने दिमाग के ऊपर कंट्रोल है उनका दुनिया के हरेक चीज के ऊपर कंट्रोल है। इन सब चीजों के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। मानसिक और शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें। आप सभी सही उम्र में हो जहां आपलोग सोच सकते हैं कि कैरियर में आगे क्या करना है, किस दिशा में जाना है। जिला उपायुक्त ने कहा कि कल के चक्कर में कल को खराब न करें, बीते हुए कल की चिंता छोड़ आने वाले कल की तैयारी करें। उन्होने कहा कि सफलता का एक ही मंत्र है- डेडिकेशन, डेडिकेशन, डेडिकेशन एंड हार्ड वर्क। जिला उपायुक्त ने बच्चों को तैयारी व सक्सेस के लिए मंत्र देते हुए बताया कि एप्टिट्यूड (कौशल) तथा इंट्रेस्ट जरूरी है । एनसीआरटी की किताबों का गंभारता से अध्ययन करें। अखबार के संपादकीय, नेशनल व इंटरनेशनल न्यूज व विचार विमर्श पन्ना छात्र जरूर पढ़ें।

एसडीएम धालभूम संदीप कुमार मीणा ने छात्रों को जरूरी टिप्स देते हुए कहा कि विषयों का संक्षिप्त नोट्स सरल भाषा में बनायें, बार-बार रिविजन करें। उन्होने कहा कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी आपने क्यों शुरू की, यह जानना जरूरी है। इंटरव्यू से नहीं घबरायें, तीन चरणों में होने वाली इस परीक्षा के इंटरव्यू में आपके ज्ञान और विद्वता नहीं जांची जाती बल्कि आपका आत्मविश्वास परखा जाता है। आज के समय में देश के किसी भी भूभाग में रहकर तैयारी किया जा सकता है, आपको खुद में भरोसा हो तो भाषा और बोर्ड परीक्षा का माध्यम आपकी तैयारी में बाधक नहीं होंगे।

सिटी एसपी के विजय शंकर ने कहा कि आसान होता तो सभी लोग इस सेवा में होते, लेकिन मुश्किल भी नहीं है। उन्होने अपने तैयारी के दिनों का उदाहरण देते हुए बताया कि 6वें अटेंप्ट में मेरा सेलेक्शन हुआ, उन्होने स्पष्ट कहा कि लक्ष्य अगर तय हो तो रास्ते अपने आप बनते जाते हैं। अपने साथियों के सफलता व असफलता में साथ रहें, हर किसी की रणनीति अलग होती है, ऐसे में किसी को फॉलो करने से बेहतर है कि अपनी रणनीति पर ध्यान दें।

भारतीय वन्य सेवा के पदाधिकारी मौन प्रकाश ने कई सफल महापुरूषों के उदाहरण देकर बताया कि आपको बाहर की चुनौतियों से नहीं बल्कि अंदर की चुनौतियों से लड़ना है। सफलता और असफलता के बीच का अंतर सिर्फ अपने ऊपर विश्वास का है। कक्षा में, अपने बड़ों से जितना सवाल मन में आए सब पूछें। इच्छा बलवती हो तो कोई भी चुनौती ऐसी नहीं जो आपको अपने लक्ष्य से डिगा सकता है। मेहनत करने के लिए संसाधन नहीं बल्कि इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। यह परीक्षा आपके व्यक्तित्व के निर्माण की होती है।

एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नन्दकिशोर लाल ने कहा कि सही रणनीति के साथ पूर्व के वर्षों में आए प्रश्नोत्तर का भी अध्ययन करते हुए सिलेबस के मुताबिक सही दिशा में तैयारी करेंगे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। जहां किसी सवाल में उलझन हो तो अपने शिक्षक, सीनियर से जरूर पूछें, किसी तरह का संकोच नहीं करें। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी आपके अनुशासन और धैर्य की भी परीक्षा है, तनाव मुक्त होकर तैयारी करें तो सफलता जरूर मिलेगी। कार्यपालक दण्डाधिकारी सुमित प्रकाश व निशा कुमारी द्वारा भी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी से जुड़े अपने अनुभवों व चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया।

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