मिरर मीडिया : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पास हो गया है। बता दें कि झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है जिसका बुधवार को चौथा दिन था। वहीं विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विधेयक में संशोधन की जरूरत नहीं है। सीएम ने कहा कि विपक्षी दलों ने इस विधेयक को पिछली बार समर्थन दिया था। लेकिन बाद में उनलोगों ने राज्यपाल का कान भरने का काम किया। इनके लोग कोर्ट भी गये। सीएम ने कहा कि राज्यपाल और अटॉर्नी जनरल ने जो तर्क दिये हैं, उससे इस नीति का कोई लेना देना नहीं है। जो पूराने केस का उल्लेख किया गया है, उससे भी इस नीति और विधयेक का कोई लेना देना नहीं है।एडवोकेट जनरल से राय लेकर इस विधेयक को बनाया गया है। इसलिए इसमें संशोधन की जरूरत नहीं है।
वहीं नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्यपाल ने जो सुझाव दिये हैं, उस पर अमल करें, नहीं तो फिर से यह विधेयक कानूनी पेंच में फंस जायेगा। आगे कहा कि नियोजन पूरी तरह से राज्य का विषय है, इसे केंद्र पर थोपा ना जाये। कहा कि इस विधेयक को आप फिर कानूनी पेंच में फंसा कर युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहते हैं।
विधानसभा में 1932 खतियान के साथ प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय (निरसन) विधेयक 2023 भी सदन से पास हो गया। वहीं इसके अलावे झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023″ सदन से पास हो गया। बता दें कि इस विधेयक को भी राज्यपाल ने वापस किया था। जिसे सरकार बिना संशोधन के सदन में पेश कर रही है। इस विधेयक में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। शाईन नेशनल विश्वविद्यालय विधेयक 2023″ भी सदन से पास हो गया। चार विधेयक सदन से पास होने के बाद स्पीकर ने कार्यवाही गुरुवार 21 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।