रामगढ़: टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन के मजदूरों की दशकों की पीड़ा और उपेक्षा के खिलाफ इस बार बदलाव की बयार बहती दिख रही है। आगामी 20 अप्रैल को होने वाले राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन चुनाव को लेकर सियासी गर्मी तेज़ हो गई है। मजदूरों के हक की लड़ाई को लेकर डीएन मांझी और सुरेंद्र विश्वकर्मा की तीसरे मोर्चे की टीम ने मैदान में ताल ठोकी है।
चैनपुर साइडिंग और सेंट्रल वर्कशॉप में मजदूरों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष पद के उम्मीदवार डीएन मांझी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि मजदूर ऐसे नेताओं को सबक सिखाएं जिन्होंने सालों तक मजदूरों की आवाज़ को अपने स्वार्थ की राजनीति में कुचला। मांझी ने कहा – “एक गुट ठेकेदारी के नाम पर और दूसरा ट्रांसपोर्टिंग के नाम पर लूट मचाने में व्यस्त रहा, अब मजदूरों को निर्णय लेना होगा कि किसके साथ उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा।
“उन्होंने ‘रेल का इंजन’ चुनाव चिन्ह पर मुहर लगाने की अपील करते हुए कहा कि “हमारा लक्ष्य सिर्फ जीत नहीं, बल्कि मजदूरों का सम्मान और अधिकार वापस दिलाना है।”
“अब नहीं बिकेगा मजदूर का हक”
सचिव पद के उम्मीदवार सुरें विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि चुनावी मैदान में मौजूद दो अन्य टीमें सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “
इन नेताओं ने अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलाई, और जब भी मौका मिला, मजदूरों का हक बेच दिया। अब फिर पैसे के दम पर मजदूरों को खरीदने का सपना देख रहे हैं, लेकिन इस बार ये चाल काम नहीं आएगी।”
उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार उमेश प्रसाद यादव ने बताया कि इस चुनाव में कुल 2243 मजदूर वोट डालेंगे। उन्होंने कहा कि “दोनों मुख्य यूनियन से नाराज़ मजदूर अब बदलाव का मन बना चुके हैं। हमारी टीम को तोड़ने की लगातार कोशिशें हो रही हैं, लेकिन हम अडिग हैं।””
नेताओं की नीयत से उजड़ते रहे मजदूरों के आशियाने”
तीसरे मोर्चे के सभी उम्मीदवारों ने एक स्वर में कहा कि आज मजदूरों के आश्रितों को नौकरी से वंचित करने की साजिश उन्हीं नेताओं ने की है जो खुद को मजदूरों का हितैषी कहते हैं। इस बार बदलाव जरूरी है, ताकि मजदूर सम्मान के साथ ड्यूटी कर सकें।
इस मौके पर तीसरे मोर्चे की टीम में उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार नागेश्वर महतो, सुधीर बानरा, ललित कुमार, सहसचिव पंकज झा, नंदकिशोर प्रसाद, खीरू राम और कोषाध्यक्ष पद की उम्मीदवार इसरत जहां सहित सैकड़ों मजदूर शामिल हुए।