बिहार में चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल जोरों पर है। अपनी राजनीतिक सुविधा-असुविधा के अनुसार लोग साथी बदल रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रहे पशुपति कुमार पारस ने एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं, उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अब महागठबंधन के साथ मिलकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

महागठबंधन के साथ ही चुनाव के मैदान में उतरेंगे-पशुपति पारस
गुरुवार को राजधानी के कौटिल्य नगर स्थित अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पशुपति पारस ने कहा कि बिहार बहुत विकट स्थिति से गुजर रहा है। बिहार का राजनीतिक माहौल सही नहीं है। विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। केंद्र सरकार और एनडीए गठबंधन के लोग चुनाव के पहले ही अपनी हार को स्वीकार कर चुके हैं। पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वो महागठबंधन के साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे। तेजस्वी यादव से मुलाकात कर जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे।
पशुपति पारस ने एनडीए पर साधा निशाना
पशुपति पारस ने कहा कि चुनाव से पहले एनडीए हार मान चुका है। उन्होंने सवाल किया कि 30 दिन में मतदाता सूची कैसे ठीक की जा सकती है। पारस ने कहा कि बाबा साहेब ने जो अधिकार दिया है, उसे छीनने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि गरीबों से ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जो उनके पास नहीं होंगे। इसलिए दलित और गरीब वोट नहीं दे पाएंगे। उन्होंने वोटर वेरिफिकेशन ड्राइव का विरोध करने की बात कही। इसके लिए वे कोर्ट तक जाएंगे और गांव-गांव में आंदोलन करेंगे।
नीतीश कुमार पर भी तीखी टिप्पणी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भी पशुपति पारस ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मानसिक रूप से अस्वस्थ हो चुके हैं। मुख्यमंत्री को कुछ पता नहीं है। सत्ता कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित हो गई है, जो मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने वक्फ संशोधन बिल पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल लाकर सरकार अल्पसंख्यकों की जमीनें हड़पना चाह रही है। केंद्र सरकार केवल जुमलेबाजी कर रही है। महंगाई लगातार बढ़ रही है। बेरोजगारी चरम पर है। भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है और सरकार इसे रोकने में नाकाम है। एनडीए सिर्फ एक पार्टी की सरकार है।