रियो डी जेनेरियो, ब्राज़ील – 6-7 जुलाई को आयोजित 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। सम्मेलन की अध्यक्षता ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने की।
🔶 सम्मेलन की प्रमुख बातें
BRICS में ईरान, सऊदी अरब, UAE, मिस्र जैसे नए सदस्य देशों के शामिल होने के बाद यह पहला प्रमुख सम्मेलन था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि BRICS का विस्तार वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को मज़बूती देता है।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र, IMF और वर्ल्ड बैंक जैसे बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और इन संस्थाओं में विकासशील देशों की भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग की।
कश्मीर और मणिपुर की घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक सहयोग को आवश्यक बताया और ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाने का आह्वान किया।
गाज़ा पट्टी में संघर्ष और ईरान-इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में भारत ने शांति व संवाद के माध्यम से समाधान पर बल दिया।
सम्मेलन में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के जिम्मेदार उपयोग पर साझा रणनीति बनाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही भारत की “डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर” पहल की सराहना भी हुई।
🇮🇳 भारत की भूमिका और भविष्य की अध्यक्षता
भारत को वर्ष 2026 के BRICS शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता सौंपी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की प्राथमिकताएं समावेशी विकास, जलवायु परिवर्तन से मुकाबला, डिजिटल कनेक्टिविटी, युवाओं का सशक्तिकरण और वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध साझा कार्रवाई रहेंगी।
🌐 भारत-ब्राज़ील द्विपक्षीय वार्ता
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला के बीच अलग से वार्ता हुई, जिसमें व्यापार, रक्षा, कृषि, ऊर्जा और जलवायु जैसे विषयों पर सहयोग को लेकर सहमति बनी। भारत ने ब्राज़ील को “वैश्विक रणनीतिक साझेदार” की संज्ञा दी।