Bihar:वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ आरजेडी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, सांसद मनोज झा ने ईसीआई के कदम को दी चुनौती

Neelam
By Neelam
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बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर सियासत गर्म है। इस बीच बिहार में कराए जा रहे वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्देश देने संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीमो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

वोटर लिस्ट को अपडेट करने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ आरजेडी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी याचिका में 11 चीजों पर आयोग को घेरने की कोशिश की है। आरजेडी का कहना है कि चुनाव नजदीक हैं और लोगों के पास जरूरी कागजात नहीं हैं। कुछ जरूरी कागजात जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड को भी नहीं माना जा रहा है।

मनोज झा की याचिका में क्या?

राज्यसभा सांसद ने अपनी याचिका में कहा कि यह विवादित आदेश संस्थागत रूप से वोट डालने के अधिकार से वंचित करने का एक जरिया है और इसका इस्तेमाल वोटर लिस्ट के अपारदर्शी संशोधनों को सही ठहराने के लिए किया जा रहा है, और इसके लिए मुस्लिम, दलित और गरीब प्रवासी समुदायों को टॉरगेट किया गया है। मनोज झा का तर्क है कि विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया “न सिर्फ जल्दबाजी बल्कि गलत समय पर की गई है, इसका असर करोड़ों वोटर्स को मताधिकार से वंचित करने और उनके संवैधानिक मताधिकार से वंचित करने का है।” साथ ही इसके लिए राजनीतिक दलों से कोई विचार-विमर्श भी नहीं किया गया। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को बिहार विधानसभा चुनाव मौजूदा वोटर लिस्ट के आधार पर कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

वैकल्पिक रूप से एक निर्देश जारी किए जाने का अनुरोध

मनोज झा ने कहा कि वैकल्पिक रूप से एक निर्देश जारी किया जाना चाहिए, जिसमें आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह गणना प्रपत्र और घोषणा फॉर्म (दिनांक 24-06-2025 के आदेश के साथ संलग्न अनुलग्नक सी और डी) के साथ घोषणा के समर्थन में फॉर्म 6 में निर्धारित सभी दस्तावेजों को स्वीकार करे। याचिका में कहा गया है, “वर्तमान याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की जा रही है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ एक रिट, आदेश या निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।

बिहार में चुनाव से पहले नया वोटर लिस्ट

बता दें कि बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसे लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेजों की लिस्ट जारी की है, जिनमें से कोई एक दस्तावेज बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को प्रपत्र के साथ देना है। विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सरकारी स्तर पर मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा। हाउस टू हाउस सर्वेक्षण 25 जून से लेकर 26 जुलाई तक होगा। मतदाता सूची का प्रारुप (ड्राफ्ट) प्रकाशन 1 अगस्त को होगा। दावे और आपत्तियों की अवधि 1 अगस्त से लेकर 1 सितंबर तक निर्धारित की गई है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को होगा।

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