ट्रेड यूनियनों का भारत बंद को विपक्ष का समर्थन, बिहार में चक्का जाम और विशाल प्रदर्शन

KK Sagar
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देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत 9 जुलाई 2025 के ‘भारत बंद’ को इस बार राजनीतिक दलों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है। यह बंद जहां श्रमिक और किसान हितों की रक्षा के लिए बुलाया गया है, वहीं बिहार में विपक्षी दलों द्वारा मतदाता पुनरीक्षण के विरोध में चक्का जाम की योजना भी बनाई गई है।

🔥 अबकी बार भारत बंद में विपक्ष भी मैदान में

बिहार में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के साथ-साथ सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियां भी चक्का जाम में शामिल होंगी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीएम के एम. ए. बेबी और सीपीआई के महासचिव डी. राजा जैसे राष्ट्रीय नेता भी आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।

👉 विरोध का मुख्य केंद्र होगा पटना, जहाँ आयकर गोलंबर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय तक पैदल मार्च किया जाएगा।

विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में चल रहा मतदाता पुनरीक्षण अभियान पक्षपातपूर्ण और लोकतंत्र के विरुद्ध है। उन्होंने इस प्रक्रिया को तत्काल वापस लेने की मांग की है।


🔧 कौन-कौन हैं शामिल ट्रेड यूनियनों में?

AITUC (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस)

CITU

HMS

INTUC

INUTUC

TUCC

AICCTU

LPF

UTUC
(बीएमएस शामिल नहीं है)

इन ट्रेड यूनियनों को संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि मजदूर संगठनों का भी समर्थन मिला है, जिससे ग्रामीण भारत में भी व्यापक असर पड़ने की आशंका है।


🔴 हड़ताल की प्रमुख मांगें

  1. चार लेबर कोड रद्द किए जाएं
  2. पुरानी पेंशन योजना बहाल हो
  3. ₹26,000 न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए
  4. ठेका प्रथा खत्म हो
  5. सरकारी विभागों का निजीकरण रोका जाए
  6. बेरोजगारी भत्ता लागू किया जाए

⚠️ संभावित असर

बैंक, बीमा और डाक सेवाएं बाधित

कोयला खनन, निर्माण, कारखानों में कामकाज प्रभावित

सार्वजनिक परिवहन और अंतरराज्यीय यातायात पर असर

पटना समेत बिहार के कई ज़िलों में सड़कों पर जाम की आशंका

कई जगहों पर स्कूल-कॉलेज बंद रहने की संभावना (स्थानीय निर्णय)


🗣️ क्या बोले नेता?

अमरजीत कौर (AITUC) – “सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर के मज़दूर सड़क पर उतरेंगे।”
हरभजन सिंह सिद्धू (HMS) – “बैंकिंग, परिवहन, डाक और अन्य सेवाएं प्रभावित होंगी।”
राहुल गांधी – “जनतंत्र और अधिकारों की रक्षा के लिए यह आंदोलन ज़रूरी है।”
तेजस्वी यादव – “बिहार में चक्का जाम सरकार की तानाशाही और मतदाता हेरफेर के खिलाफ है।”

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