Bihar: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परपोते से तेजस्वी यादव ने क्यों मांगी माफी? जानें पूरा मामला

Neelam
By Neelam
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बिहार की जिस धरती से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंका था, उसी धरती पर उनके वंशज तुषार गांधी के साथ बदसलूकी हुई। चंपारण में एक कार्यक्रम को संबोधित करने आए महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को अपमानित करते हुए कार्यक्रम से निकाल दिया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब इस मामले में सियासत शुरू हो गई है।

महात्मा गांधी के वंशज तुषार गांधी के साथ अपमान के मामले को राष्ट्रीय जनता दल ने उठाया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूरे बिहारवासियों की तरफ से तुषार गांधी से माफी मांगी है। तेजस्वी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और उनके विचारों एवं दर्शन का अनुयायी होने एवं देश की आजादी में उनके योगदान, समर्पण, त्याग व बलिदान के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए मैं समस्त बिहारवासियों की ओर से तुषार गांधी जी से हाथ जोड़कर माफ़ी मांगता हूं। आशा है वो हमें माफ कर देंगे।

आरजेडी का बीजेपी पर गंभीर आरोप

वहीं आरजेडी ने तुषार गांधी के साथ हुए अपमान को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है। राजद ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में एक कार्यक्रम के दौरान उनके परपोते तुषार गांधी जी के साथ स्वयं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति का बताकर एक भाजपाई नेता ने अपमान किया। बापू के परपोते के साथ ऐसा व्यवहार खेदजनक है।

क्या है मामला?

बता दें कि तुषार गांधी अपने आठ दिवसीय उत्तर बिहार प्रवास पर हैं। ‘बदलो बिहार, नई सरकार’ अभियान चला रहे हैं। तुषार गांधी को बिहार में अपनी पदयात्रा के दौरान पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर अपमानित किया गया और उन्हें वहाँ से चले जाने को कहा गया। यह घटना तुरकौलिया में ऐतिहासिक नीम के पेड़ के पास आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान हुई, जो महात्मा गांधी की विरासत से जुड़ा है।

क्यों नाराज हो गए मुखिया?

पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से 12 जुलाई को “बदलाव यात्रा” की शुरुआत करने वाले तुषार गांधी अपनी यात्रा के तहत तुरकौलिया पहुँचे थे। स्थानीय मुखिया विनय कुमार साह ने उन्हें वहाँ आने और पंचायत भवन में एक संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।

हालाँकि, कार्यक्रम के दौरान उस समय तनाव बढ़ गया जब गांधी के एक सहयोगी ने कथित तौर पर महागठबंधन के समर्थन में राजनीतिक टिप्पणी की, जिससे मुखिया नाराज़ हो गए। जवाब में, विनय साह ने कथित तौर पर तुषार गांधी पर मंच का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और महात्मा गांधी से अपने संबंध से इनकार करते हुए अंततः उन्हें कार्यक्रम स्थल से चले जाने को कहा।

तुषार गांधी ने मुखिया को बताया नाथूराम गोडसे का वंशज

गांधी और मुखिया के बीच तीखी बहस हुई। तुषार गांधी ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए आगे के टकराव से बचने के लिए कार्यक्रम छोड़ दिया। समर्थकों और स्थानीय गांधीवादियों ने भी मुखिया के व्यवहार के विरोध में कार्यक्रम से बहिर्गमन किया। बाद में बोलते हुए, तुषार गांधी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “चंपारण में लोकतंत्र की हत्या हुई है।” उन्होंने मुखिया को महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का वंशज भी बताया।

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