बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। जाहिर सी बात है पूरे राज्य की सियासत पर चुनावी असर देखा जा रहा है। हर चुनाव से पहले वाला वाद-विवाद, आरोप-प्रत्यारोप जारी है। हालांकि, इस बार मामला थोड़ा अलग है। इस बार चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर सूबे की सियासत उबाल ले रही है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के निशाने पर ‘डबल इंजन की सरकार’ के साथ चुनाव आयोग है। एक बार फिर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची से नामों की कथित ‘साजिशन कटौती’ को लेकर बड़ा दावा किया है।

1% मतदाताओं के नाम काटने की साजिश-तेजस्वी
विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर लगातार हमलावर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाया है। इसको लेकर उन्होंने पूरा गणित ही समझा दिया है। तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर दावा किया कि बीजेपी चुनाव आयोग की विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया के जरिए बिहार की मतदाता सूची से कम से कम 1% मतदाताओं, यानी लगभग 7.9 लाख वोटरों के नाम काटने की साजिश रच रही है।
𝟕 लाख 𝟗𝟎 हजार मतदाताओं के नाम कटेंगे-तेजस्वी
तेजस्वी ने पोस्ट में कहा, बिहार में कुल 𝟕 करोड़ 𝟗𝟎 लाख मतदाता है। कल्पना कीजिए, बीजेपी के निर्देश पर अगर मिनिमम 𝟏 प्रतिशत मतदाताओं को भी छांटा जाता है तो लगभग 𝟕 लाख 𝟗𝟎 हजार मतदाताओं के नाम कटेंगे। यहां हमने केवल 𝟏 प्रतिशत की बात की है, जबकि इनका इरादा इससे भी अधिक 𝟒-𝟓% का है। अगर हम इस एक प्रतिशत को यानि 𝟕 लाख 𝟗𝟎 हज़ार मतदाताओं को 𝟐𝟒𝟑 विधानसभा क्षेत्रों से विभाजित करते है, तो प्रति विधानसभा 𝟑𝟐𝟓𝟏 मतदाताओं का नाम कटेगा। (𝟕,𝟗𝟎,𝟎𝟎𝟎/𝟐𝟒𝟑 = 𝟑𝟐𝟓𝟏)
तेजस्वी को इन 35 सीटों का डर
आरजेडी नेता ने आगे वोटर्स के गणित को समझआते हुए कहा, बिहार में कुल 𝟕𝟕,𝟖𝟗𝟓 पोलिंग बूथ है और हर विधानसभा में औसतन 𝟑𝟐𝟎 बूथ है। अब अगर एक बूथ से 𝟏𝟎 वोट भी हटेंगे तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 𝟑𝟐𝟎𝟎 मत हट जायेंगे। (𝟑𝟐𝟎*𝟏𝟎 =𝟑,𝟐𝟎𝟎) अब विगत दो विधानसभा चुनावों के क्लोज मार्जिन से हार-जीत वाली सीटों का आंकड़ा देखें तो 𝟐𝟎𝟏𝟓 विधानसभा चुनाव में 𝟑 हज़ार से कम मतों से हार-जीत वाली कुल 𝟏𝟓 सीटें थी और 𝟐𝟎𝟐𝟎 के चुनाव में 𝟑 हज़ार से कम वोटों से हार-जीत वाली कुल 𝟑𝟓 सीटें थी। अगर 𝟓 हज़ार से कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों को गिने तो 𝟐𝟎𝟏𝟓 में 𝟑𝟐 सीटें और 𝟐𝟎𝟐𝟎 में ऐसी कुल 𝟓𝟐 सीटें थी।
पार्टी कार्यकर्ताओं को किया सतर्क
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग के माध्यम से बीजेपी का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है। ऐसी ही सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने से ये लोग वोट छांटना चाहते हैं। लेकिन हम सब सतर्क है, हमारे कार्यकर्ता हर जगह हर घर जाकर इनकी बदनीयती का भंडाफोड़ करते रहेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।