कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा को पटना के पारस अस्पताल में घुसकर अपराधियों ने गोलियों से छलनी कर दिया। अपराधी दूसरी मंजिल पर बने कमरा नंबर 209 के सामने पहुंचकर पिस्टल में गोलियां लोड करते हैं और फिर कमरे में मौजूद मरीज को मारकर बड़े इत्मिनान से फरार हो जाते हैं। इस मामले में पुलिस ने पांचों शूटरों की पहचान कर ली है। ये भी पता चल गया है कि ये हत्या चंदन के ही पुराने साथी शेरू ने करवाई है।

चंदन मिश्रा की हत्या में बड़ा अपडेट सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इस घटना में शामिल पांचों आरोपियों की पहचान कर ली है। शुटरों पर पहचान के बाद धर पकड़ तेज हो गई है। मुख्य शूटर तौसीफ बादशाह को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य शूटरों की पहचान आकिब मालिक, सोनू, कालू उर्फ मुस्तकीम और भिंडी उर्फ बलवंत सिंह के रूप में हुई है। इनमें कुछ फुलवारी शरीफ तो कुछ बक्सर के रहने वाले हैं। चंदन भी बक्सर का ही रहने वाला था।
शेरू सिंह के गुर्गों ने दिया वारदात को अंजाम
एडीजी कुंदन कृष्णन ने दावा किया है कि पारस हॉस्पिटल में हुई चंदन मिश्रा की हत्या कुख्यात अपराधी शेरू सिंह ने करवाई है। उनके मुताबिक, शेरू सिंह के गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है और पुलिस ने हत्या में शामिल सभी अपराधियों की पहचान कर ली है।
कभी जिगरी दोस्त थे कुंदन और शेरू
बिहार के बक्सर जिले का एक गांव है सेमरी बड़ा गांव है। शेरू वहीं का रहने वाला है। उसका असली नाम है ओंकार नाथ सिंह। चंदन मिश्रा भी सिमरी के पड़ोसी गांव सोनबरसा का रहने वाला था। दोनों क्रिकेट के शौकीन थे और क्रिकेट खेलने के दौरान ही दोनों की दोस्ती भी हुई थी। ये दोस्ती कितनी गाढ़ी थी इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि साल 2009 में क्रिकेट खेलते वक्त जब अनिल सिंह से इनका विवाद हो गया तो दोनों ने मिलकर अनिल सिंह की हत्या कर दी। दोनों को जेल हुई।