डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : मानसून का मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लाता है, जिनमें डेंगू और चिकनगुनिया प्रमुख हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई रखना, पानी जमा न होने देना और मच्छरों से बचाव करना बेहद ज़रूरी है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज और सावधानी बरतने से इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
डेंगू के लक्षण
पूरे शरीर, सिर, आंखों के पीछे और जोड़ों में तेज़ दर्द।
त्वचा पर लाल धब्बे या चकत्ते होना।
नाक, मसूड़ों या उल्टी से खून आना।
मल का रंग काला होना इस बीमारी के गंभीर लक्षण हैं।
चिकनगुनिया के लक्षण
अचानक तेज़ बुखार आना।
शरीर के जोड़ों में तेज़ दर्द होना।
शरीर पर दाने निकलना (यह ज़रूरी नहीं कि दाने हमेशा दिखें)।
डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही संक्रमित मादा एडीस मच्छर के काटने से होती हैं। ये मच्छर दिन में काटते हैं और साफ पानी में पनपते हैं।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करें।
मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का इस्तेमाल दिन में भी करें।
घर में रखे टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, पानी की टंकी, गमले और फूलदान का पानी नियमित रूप से बदलते रहें।
अपने आस-पास की जगहों को साफ-सुथरा रखें और जहां मच्छर पनपने की संभावना हो, वहां कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल ज़रूर डालें।
याद रखें, हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता। अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ तेज़ बुखार हो, तो बिना देर किए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल घाटशिला, सदर अस्पताल या एमजीएम मेडिकल कॉलेज व अस्पताल जाएं। इन जगहों पर बीमारी की जांच और इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।
तेज़ बुखार के इलाज के लिए एस्पिरिन या ब्रुफेन जैसी गोलियों का इस्तेमाल न करें। इसके लिए पैरासिटामोल सुरक्षित दवा है। लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए 104 पर डायल करें।