बिहार में मतदाता सूची सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्ष की सारी रणनीति फेल साबित होती नजर आ रही है। एसआईआर के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने 10 अगस्त को ‘वोट अधिकार यात्रा’ निकालने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में इस यात्रा को स्थगित कर दिया गया। यह यात्रा एसआईआर के विरोध में चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में निकाली जाने वाली थी। अब इस यात्रा को स्थगित किए जाने की जानकारी राजद ने दी है।

रक्षा बंधन के बाद पहले चरण में यह यात्रा 10 अगस्त से होनी थी। 10 से 20 अगस्त तक की यात्रा का कार्यक्रम जारी किया गया था। इसमें 11 जिलों को सम्मिलित किया गया था। सासाराम से 10 अगस्त को यात्रा शुरू होने वाली थी। इस यात्रा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित घटक दलों के अन्य नेता को सम्मिलित होना था। हालांकि, राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने सोमवार को पत्र जारी कर अपरिहार्य कारण से यात्रा स्थगित किए जाने की जानकारी दी है।
यात्रा स्थगित किए जाने की क्या है वजह?
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के ‘वोट अधिकार यात्रा’ कार्यक्रम की सूचना निर्गत की गई थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से यात्रा कार्यक्रम की तिथि में बदलाव हुआ है, इसलिए नई तिथि की घोषणा तक इस सूचना को निरस्त माना जाए। आगामी कार्यक्रम की सूचना समय पर दी जाएगी।
एसआईआर के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी
बता दें कि बिहार मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को पहला संशोधित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी किया था। चुनाव आयोग ने जिलेवार ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है। इस सूची में किस जिले में कितने वोटर थे, कितने वोटर बचे और कितने के नाम काटे गए, से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है। बिहार के कुल 7,89,69,844 मतदाताओं में से 65,64,075 के नाम हटा दिए गए हैं। ड्राफ्ट लिस्ट में 7,24,05,756 मतदाताओं के नाम शामिल हैं। राज्य के सभी 38 जिलों के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा वोटरों के नाम पटना जिले में कटे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर मधुबनी और तीसरे नंबर पर पूर्वी चंपारण है।