बिहार में निजी बस मालिकों ने परिवहन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। परिवहन विभाग के मनमाने रवैये से परेशान बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने राज्य में बस और सभी व्यावसायिक वाहनों के परिचालन को बंद करने का ऐलान किया है। बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने पटना में हुई बैठक में आगामी 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन चक्का जाम का फैसला लिया।

अनावश्यक जुर्माना लगाकर परेशान करने का आरोप
फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि विभाग अनुचित चालान, परमिट नवीनीकरण में देरी और अनावश्यक जुर्माना लगाकर बस मालिकों को परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा, पार्किंग में खड़ी गाड़ियों का भी चालान मोबाइल पर भेजा जा रहा है। इसके अलावा, परमिट प्रत्यर्पण में 6 महीने से एक साल की देरी और परमिट स्वीकृति के बाद डाक में विलंब जैसी समस्याएं भी उठाई गईं। ये मुद्दे बस संचालकों के लिए आर्थिक और मानसिक बोझ बन रहे हैं।
सरकार से पांच प्रमुख मांगे
उदय शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि हमारी पांच प्रमुख समस्या है। इनमें पहला है कि पुलिस के जरिए अनावश्यक रूप से फोटो खींच कर फाइन काटना, यहां तक कि जो गाड़ी रोड में नहीं चल रही है उसका भी चालान घर बैठे मोबाइल पर भेज दिया जा रहा है। दूसरा यह है कि RTA बोर्ड में परमिट के नवीनीकरण में 6 महीने का समय लिया जाता है एवं उस पर फाइन भी लिया जाता है।
हड़ताल से पहले सौंपने ज्ञापन
हड़ताल से पहले फेडरेशन ने सरकार को अपनी मांगें सौंपने का फैसला किया है। इसके लिए चार सदस्यी कमिटी बनाई गई है।यह कमिटी 11 अगस्त को मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेगी। मांगों में स्कूल बसों और अंतर्राज्यीय मार्गों पर निजी बसों के संचालन की अनुमति भी शामिल है। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो 25 अगस्त से हड़ताल शुरू होगी।