डिजिटल डेस्क/कोलकाता: फर्जीवाड़े के मामले में हाल ही में नोएडा से गिरफ्तार हुए पूर्व टीएमसी नेता बिभास अधिकारी की धोखाधड़ी का जाल कोलकाता तक फैला हुआ था। पुलिस की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि बिभास और उसके साथियों ने कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में भी एक ‘फर्जी थाना’ चला रखा था।
फर्जीवाड़े का नया अध्याय
यह फर्जी थाना ‘राष्ट्रीय सामाजिक अन्वेषण व सामाजिक न्याय ब्यूरो’ के नाम से एक किराए के फ्लैट में चलाया जा रहा था। इस कार्यालय में इंटरपोल और पुलिस के स्टिकर लगे थे, जिससे लोगों को यह असली लगे। बिभास इस ‘थाने’ का इस्तेमाल लोगों को नोटिस भेजकर उनसे पैसे वसूलने के लिए करता था। हैरानी की बात यह है कि उसका यह कार्यालय बेलियाघाटा और नारकेलडांगा पुलिस थानों के बीच में ही था।
ठगी के तरीके और चौंकाने वाले खुलासे
स्थानीय लोगों के अनुसार, बिभास एक नीली बत्ती वाली गाड़ी से आता था, जिसका इस्तेमाल अक्सर आईएएस और आईपीएस अधिकारी करते हैं। उसके कार्यालय में सशस्त्र सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहते थे। पुलिस ने 30 जुलाई को उसके कार्यालय से होर्डिंग हटा दी थी और उससे पूछताछ भी की थी, क्योंकि उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
पुलिस अब जांच में जुटी
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बिभास और उसके साथियों ने कोलकाता में कितने लोगों से ठगी की है। इसके अलावा यह भी सामने आया है कि बिभास पश्चिम बंगाल राज्य गोदाम निगम के निदेशक मंडल में भी शामिल था, जिससे उसके रसूख और पहुंच का पता चलता है।