कराची, 14 अगस्त — पाकिस्तान का आजादी दिवस एक बार फिर खून में नहा गया। जश्न के नाम पर चली अंधाधुंध गोलियों ने कराची की सड़कों को मातम में बदल दिया। बुधवार रात से गुरुवार तड़के तक चली लापरवाह हवाई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बुजुर्ग और आठ साल की मासूम बच्ची भी शामिल हैं। शहर भर में कम से कम 64 लोग गोलियों का शिकार हुए।
अजीजाबाद में मासूम बच्ची को गोली लगी, जबकि कोरंगी इलाके में स्टीफन नाम के शख्स की जान चली गई। तीसरे मृतक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। पुलिस के मुताबिक लियाकताबाद, कोरंगी, लियारी, महमूदाबाद, अख्तर कॉलोनी, कीमारी, जैक्सन, बलदिया, ओरंगी टाउन, पापोश नगर, शरिफाबाद, नॉर्थ नाजिमाबाद, सूरजानी टाउन, जमान टाउन और लांधी समेत दर्जनों इलाकों में गोलियां चलीं।
घायलों को सिविल, जिन्ना और अब्बासी शहीद अस्पतालों के अलावा गुलिस्तान-ए-जौहर और कई निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत नाजुक है। पुलिस ने 20 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार कर उनके पास से आधुनिक हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
लेकिन यह कोई पहली बार नहीं है। कराची में आजादी दिवस पर हवाई फायरिंग एक ‘घातक परंपरा’ बन चुकी है। 2024 में ऐसे ही जश्न में 95 लोग घायल हुए थे, जबकि 2023 में 80 लोग जख्मी हुए थे। इस साल भी वही मंजर दोहराया गया — गोलियों की आवाज़ ने ढोल-ताशों की गूंज को दबा दिया, और खुशियों का दिन मातम में बदल गया।