Bihar: आईपीएस अमित लोढ़ा की बढ़ी मुश्किलें, नीतीश सरकार ने दी आय से अधिक संपत्ति मामले में केस चलाने की मंजूरी

Neelam
By Neelam
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बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी अपर पुलिस महानिदेशक (एससीआरबी) अमित लोढ़ा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में अमित लोढ़ा के विरुद्ध राज्य सरकार ने अभियोजन (केस चलाने) की मंजूरी दे दी है। अब केंद्र सरकार की अनुमति का इंतजार है। अगर, अनुमति मिलती है तो विशेष निगरानी इकाई (SVU) कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी। उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है।

अमित लोढ़ा पर आरोप

रिपोर्ट के मुताबिक बिहार सरकार ने अमित लोढ़ा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। अब यह फाइल गृह मंत्रालय को भेजी गई है। केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। एसवीयू ने 2024 में ही राज्य सरकार से अभियोजन की अनुमति मांगी थी, जिसे अब जाकर मंजूरी मिली है। एसवीयू ने 7 दिसंबर, 2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच में पाया गया कि उनके पास 2 करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति है। अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार किया और निजी लाभ के लिए वित्तीय अनियमितताएं कीं। उन्होंने नेटफ्लिक्स और फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ व्यावसायिक कार्य भी किए। जांच में आरोप सही पाए जाने पर SVU ने केस दर्ज किया था।

गया में आईजी रहते एएसपी से हुआ था विवाद

अमित लोढ़ा तब सुर्खियों में आए थे जब गया में आईजी रहते हुए उनका वहां के एएसपी आदित्य कुमार से विवाद हो गया था। इसके बाद दोनों का तबादला कर दिया गया और दोनों के खिलाफ केस दर्ज हुए। आदित्य कुमार को तो निलंबित कर जेल भी जाना पड़ा। आदित्य कुमार पर डीजीपी को फर्जी कॉल कराने का भी आरोप है, और कहा जा रहा है कि वह खुद अमित लोढ़ा को फंसाना चाहते थे। बाद में, एसवीयू ने आदित्य कुमार के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया।

केंद्र सरकार की स्वीकृति का इंतजार

मित लोढ़ा ने अपनी पदोन्नति के लिए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में अपील की थी। कैट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद सरकार ने उन्हें आईजी से एडीजी बनाया। प्रमोशन के बाद सरकार ने उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी पर विचार करने के लिए कमेटी बनाई। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी। अब केंद्र सरकार की स्वीकृति का इंतजार है।

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