Bihar: बिहार एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय! जानें किसको कितनी मिलेगी सीटें

Neelam
By Neelam
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बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर तस्वीर लगभग साफ होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हालिया दिल्ली यात्रा के बाद सूत्रों के हवाले से खबर है कि गठबंधन दलों के बीच सीट बटंवारे को लेकर अंतिम सहमति बन चुकी है। हालांकि अभी आधिकारिक ऐलान बाकी है।

एनडीए में बिहार विधानसभा की 243 में से 100 सीटें जदयू को मिल रही हैं। जदयू इसे बढ़ाने की कोशिश में है, लेकिन भाजपा उसे इतने पर राजी कराने की कोशिश में है। भाजपा के कोटे में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा है। भाजपा को 143 सीटों में से अपने पास 100+ रखकर बाकी को बांटना है। खबर है कि चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) को 20 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को 10-10 सीटें दी जाएंगी। एक-दो सीटें आगे-पीछे हो सकती हैं।

समझौते पर फंसा पेंच

हालांकि इस समझौते के बावजूद गठबंधन के भीतर कुछ मुद्दों पर पेंच बना हुआ है। चिराग पासवान ने इस विधानसभा चुनाव के लिए 40 सीटों पर दावा ठोका था, जबकि उन्हें 20 सीटें दिए जाने की बात चल रही है। जीतनराम मांझी ने भी 40 सीटों की मांग रखी थी, लेकिन उन्हें 10 सीटें ही दी जा सकती हैं। उपेंद्र कुशवाहा 10-15 सीटों की मांग कर रहे थे, फिलहाल उन्हें 10 सीटें मिलने की संभावना है।

नीतीश के दिल्ली दौरे के बाद आया आंकड़ा

बता दें कि अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिल्ली गए थे। इस बीच अब सीटों का ये आंकड़ा आया है। सीट बंटवारे में जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा की अहम भूमिका है। जदयू अभी अपनी सीटें भी घोषित नहीं कर रहा है, क्योंकि एनडीए की एकता दिखाने के लिए भाजपा पहले अपने कोटे के सभी दलों को समझा कर तैयार कर लेगी, फिर यह होगा। बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तो लगभग तय हो गया है, लेकिन कौन सी पार्टी कौन सी सीट पर लड़ेगी इसका मंथन आगे होगा

दीवाली-छठ के बाद चुनाव की संभावना

बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, लिहाजा उससे पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी होना जरूरी है। इस बार दीवाली 20 अक्टूबर को है जबकि छठ पर्व 25-28 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा। यानी इसके बाद ही चुनाव कराए जाएंगे।

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