Bihar: सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले में 3 दोषियों को उम्रकैद, पीड़ित परिवार को 9 साल बाद मिला न्याय

Neelam
By Neelam
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सीवान के चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई है। विशेष कोर्ट एडीजे तीन की जज नमिता सिंह ने विजय कुमार गुप्ता, रोहित सोनी और सोनू कुमार गुप्ता को यह सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर 30 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। वहीं, रिशु जायसवाल, राजेश कुमार और मो लड्डन मिया को जमानत दी गई।

राजदेव रंजन की हत्या का यह मामला करीब 9 वर्षों तक चला। 30 अगस्त को विशेष कोर्ट ने कुल छह आरोपियों में से तीन को दोषी ठहराया था, जबकि तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर जमानत दी गई थी। राजदेव रंजन के परिवार ने लंबे समय बाद न्याय मिलने पर राहत की सांस ली।

2016 में गोली मारकर हुई थी हत्या

बता दें कि दैनिक हिंदुस्तान के पत्रकार राजदेव रंजन की 13 मई, 2016 को सीवान के एक फल बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया था। रंजन की पत्नी ने उस समय आरोप लगाया था कि इस हत्या के पीछे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कद्दावर नेता और सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का हाथ था। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

सीबीआई ने दर्ज किया था मामला

सीबीआई ने 15 सितंबर, 2016 को मामला दर्ज किया और 21 दिसंबर को एक नाबालिग आरोपी के खिलाफ पहला आरोपपत्र दायर किया। कुल आठ आरोपी बनाए गए। एजेंसी ने शहाबुद्दीन, उसके करीबी मोहम्मद अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां और अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश व हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में चार्जशीट दाखिल की।

कुल 69 गवाहों और 111 दस्तावेज पेश किए गए

हालांकि, 2021 में मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोविड संक्रमण के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया। वहीं, लड्डन मियां और दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। नाबालिग आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी किशोर न्यायालय में लंबित है। अन्य छह आरोपी के खिलाफ ट्रायल चला, जिसमें तीन दोषी और तीन को दोषमुक्त किया गया। इस मामले में कुल 69 गवाहों और 111 दस्तावेज पेश किए गए, और आरोपितों से 183 सवाल किए गए।

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