डिजिटल डेस्क। कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 42,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति भी अब कानूनी विवादों में घिर गई है। कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया है। याचिकाकर्ताओं के वकील बिकांस रंजन भट्टाचार्य और फिरदौस शमीम ने दावा किया है कि 2015 के बाद से जिला प्राथमिक विद्यालय परिषदों का गठन नियमों के अनुसार नहीं हुआ है, इसलिए वे नियुक्तियाँ नहीं कर सकते।
वकीलों ने यह भी आरोप लगाया कि 14 सितंबर 2014 को जारी की गई मेरिट लिस्ट में नियमों का पालन नहीं किया गया और कई उम्मीदवारों की रैंकिंग बढ़ाकर उनकी नियुक्ति की गई। उन्होंने दावा किया कि इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक और सांसद शामिल हैं।
न्यायमूर्ति तबोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति स्मिता दास की खंडपीठ इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को करेगी। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से हुई शिक्षकों की नियुक्तियों पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था और नए सिरे से परीक्षा आयोजित की गई थी।