डिजिटल डेस्क, जमशेदपुर : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेश सोंथालिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर वस्त्रों पर जीएसटी स्लैब में संशोधन की मांग की है। कैट ने सुझाव दिया है कि 2500 रुपए की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 5000 रुपए किया जाए और 5000 रुपए से अधिक मूल्य के वस्त्रों पर 12% की दर से जीएसटी लागू किया जाए।
सोंथालिया ने बताया कि जीएसटी सुधारों का उद्देश्य छोटे व्यापारियों को सशक्त करना है। उन्होंने स्थानीय सांसद विद्युत वरण महतो के साथ बाजारों का भ्रमण किया, जहां वस्त्र उपभोक्ताओं और विक्रेताओं ने वर्तमान जीएसटी व्यवस्था पर अपनी खुशी के साथ कठिनाइयाँ भी व्यक्त कीं।
वर्तमान व्यवस्था में जटिलता
वर्तमान में 2500 रुपए तक के वस्त्रों पर 5% जीएसटी और 2500 रुपए से ऊपर के वस्त्रों पर 18% जीएसटी लगाया जाता है। कैट का कहना है कि यह व्यवस्था छोटे व मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं और कपड़ा उद्योग से जुड़े व्यापारियों के लिए व्यावहारिक कठिनाइयां उत्पन्न कर रही है। कपड़े और सूत पर अलग-अलग स्लैब दरें व्यापारियों के लिए बोझिल हैं, जो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लक्ष्य में बाधा डालती हैं।
प्रस्तावित संशोधन के लाभ
कैट का तर्क है कि सीमा बढ़ाकर ₹5000 करने और ऊपरी स्लैब को 18% से घटाकर 12% करने से निम्नलिखित फायदे होंगे:
- मध्यम वर्गीय ग्राहकों को राहत मिलेगी।
- भारत के परंपरागत और रोजगार देने वाले वस्त्र उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
- सरल स्लैब दर से छोटे दुकानदारों को कम जटिलता का सामना करना पड़ेगा।
- अधिक लोग कर दायरे में आने से कर संग्रह में वृद्धि संभव है।
सुरेश सोंथालिया ने वित्त मंत्री से आगामी बजट या जीएसटी परिषद की बैठक में इस महत्वपूर्ण सुझाव पर विचार कर आवश्यक कदम उठाने का निवेदन किया है।