बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला अब तक तय नहीं हुआ है। सीटों पर सहमति के लिए बैठकों का दौरा जारी है। इस बीच आज बिहार के कद्दावर नेता और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उनके पुत्र और वर्तमान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के ट्वीट ने सभी की धड़कने बढ़ा दीं।

एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चल रही उठा-पटक के बीच चिराग पासवान ने अपने पिता को याद करते हुए ट्वीट किया चिराग ने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘पापा हमेशा कहा करते थे- जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो।’ अब चिराग पासवान के इस पोस्ट के बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
चिराग ने दोहराया पिता का संकल्प
चिराग पासवान एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘पापा, आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन। मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपके दिखाए मार्ग और आपके विजन “बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट” को साकार करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हूं। बिहार के समग्र और सर्वांगीण विकास का जो सपना आपने देखा था, अब समय आ गया है उसे धरातल पर उतारने का। आपने मेरे कंधों पर जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे निभाना मेरे जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य है। बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू होने जा रहा है। आगामी चुनाव आपके संकल्प को पूरा करने का अवसर है- बिहार को नई दिशा देने, हर बिहारी के सपनों को साकार करने का अवसर है। आपके द्वारा बनाई गई लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए मैं दृढ़ संकल्पित हूं। पार्टी के हर एक कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का सपना है कि आगामी चुनाव में आपके सपनों को पूरा किया जा सके। पापा, आपकी प्रेरणा – आशीर्वाद और आदर्श सदैव मेरे मार्गदर्शक रहेंगे।
चिराग के पोस्ट के सियासी मायने
चुनाव से पहले चिराग के इस पोस्ट के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए में सीट बंटवारे का काम पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, भाजपा और जदयू दोनों 100 से अधिक पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। केंद्रीय चिराग पासवान की पार्टी को 28, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आठ और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी को करीब पांच सीटें भाजपा और जदयू देना चाहती है। लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा मानने को तैयार नहीं। चिराग 40 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वहीं जीतन राम मांझी का कहना है कि 10 से 12 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा भी 15 सीटों की डिमांड कर रहे हैं।