बिहार चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के अनुमान सामने आ गए हैं। इनमें अब तक अधिकतर एग्जिट पोल के अनुमानों में एनडीए की सरकार बिहार में रिपीट होती दिख रही है। एग्जिट पोल आने के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। जहां भाजपा और एनडीए नेताओं ने इन नतीजों को अपनी जीत का संकेत बताया, वहीं कांग्रेस और राजद नेताओं ने एग्जिट पोल को ‘महज अटकल’ बताया है।

लगभग सभी सर्वे में एनडीए को बहुमत का अनुमान
बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान खत्म होते ही मंगलवार शाम एग्जिट पोल आए। 17 एजेंसियों के पोल ऑफ पोल्स में बिहार में एनडीए को साफ बहुमत मिलता दिख रहा है। 243 सीटों की विधानसभा में एनडीए को 154 सीटें मिलने का अनुमान है। महागठबंधन को 83 सीटों पर सिमटता बताया जा रहा है, जबकि अन्य के खाते में 5 सीटें जा सकती हैं।
क्या कर रहे एग्जिट पोल के आंकड़े
जेवीसी, पी-मार्क, पीपुल्स पल्स सर्वे, पीपुल्स इनसाइट, मैट्राइज इन सभी एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलता दिखाया है। सिर्फ आंकड़ों का फर्क है। सबसे अधिक मैट्राइज ने एनडीए के लिए 147 से लेकर 167 सीटों का अनुमान लगाया है। पीपुल्स इनसाइट ने 133 से 148 के बीच सीट मिलने की संभावना जतायी है। एनडीए के लिए सबसे कम अनुमान चाणक्य स्टैटेजीज ने लगाया है जिसमें 130 से 138 के बीच सीटें मिलने की संभावना जतायी गयी है। यह आंकड़ा भी 122 के मैजिक फिगर से अधिक है। सबसे चौंकाने वाला अनुमान जन सुराज पार्टी के लिए है। पी-मार्क एग्जिट पोल में जनसुराज को 1 से 4 के बीच सीट मिलने की संभावना जतायी गयी है।
कांग्रेस ने कहा- ये सिर्फ एक अनुमान
इधर, एग्जिट पोल के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद तारीक अनवर ने कहा, एग्जिट पोल कभी सटीक नहीं होते। ये सिर्फ एक अनुमान होते हैं कि क्या हो सकता है। इन्हें अंतिम नतीजा मान लेना सही नहीं होगा।’वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘मैं एग्जिट पोल पर अभी टिप्पणी नहीं करूंगी। जब नतीजे आएंगे, तब बात करेंगे। लेकिन बिहार ने इस बार सबक सिखाने का फैसला किया है, क्योंकि उसके मताधिकार के साथ छेड़छाड़ हुई है। मुझे पूरा यकीन है कि महागठबंधन की ही सरकार बनेगी।
एग्जिट पोल पहले भी गलत साबित हुए-आरजेडी
वहीं, राजद प्रवक्ता मृ्त्युजंय तिवारी ने कहा, एग्जिट पोल पहले भी गलत साबित हुए हैं और इस बार भी होंगे। जनता ने एनडीए के खिलाफ वोट दिया है और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मतदान किया है। जो लोग एग्जिट पोल देखकर भ्रम में हैं, वे रहें, सच परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। 14 नवंबर को महागठबंधन की सरकार बनेगी।
पिछले 2 चुनावों में गलत साबित हुए थे एग्जिट पोल
बता दें कि पिछले 3 विधानसभा चुनावों (2010, 2015, 2020) के एग्जिट पोल्स के रुझान बताते हैं कि सर्वे एजेंसियां वोटर्स का मूड ठीक से पकड़ नहीं पाईं। 2015 में ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने एनडीए यानी भाजपा+ को बढ़त दी थी, जबकि नतीजों में महागठबंधन ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया। वहीं, 2020 में तस्वीर उलटी रही। इस बार कई एजेंसियों ने महागठबंधन की जीत का अनुमान लगाया, लेकिन परिणामों में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई। यानी ज्यादातर पोल्स फिर गलत साबित हुए।

