बिहार विधनासभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। इस चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। वहीं महागठबंधन को 35 सीटें मिली। इसी बीच राज्य में सभी सीटों पर चुनाव लड़ी प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का खाता भी नहीं खुला। चुनाव में करारी हार का सामना करने के बाद जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने बताया कि आखिर क्यों जनसुराज को अपेक्षित वोट नहीं मिला। वहीं, एनडीए की जीत को लेकर बड़ा दावा भी किया।

उदय सिंह ने कहा, बिहार की जनता को बहुत धन्यवाद। उनको बधाई हो, उन्होंने बढ़-चढ़कर 2025 के विधानसभा चुनाव में अपनी हिस्सेदारी दिखाई। जो लोकतंत्र के लिए बहुत ही अच्छा है। उसके बाद एनडीए को प्रचंड बहुमत पाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आने वाले दिनों के लिए उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बहुमत के लिए 40 हजार करोड़ रुपए खर्च- उदय सिंह
उदय सिंह ने आगे तंज कसते हुए कहा, हमें और भी खुशी होती कि एनडीए का ये प्रचंड बहुमत उनकी सरकार द्वारा किए गए काम के आधार पर मिलता, लेकिन जैसाकि जगजाहिर है और जन सुराज का मानना है कि ये मतदान जो हुआ है और ये जो प्रचंड बहुमत उन्हें मिला है, ये खरीदा हुआ है। हमारा और अधिकांश बिहार के लोगों का मानना है कि 21 जून के बाद से बिहार के चुनाव होने तक करीब 40 हजार करोड़ रुपए खर्च करके ये बहुमत प्राप्त किया गया है। हमारी मांग है कि एक साफ-सुथरी सरकार बने, जिसमें भ्रष्ट और दागी मंत्री को जगह ना मिले।
वर्ल्ड बैंक से मिले लोन को खर्च करने का आरोप
जनसुराज नेता ने आगे कहा कि अब बिहार सरकार के पास शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी जरूरी चीजों पर खर्च करने लायक रुपये नहीं बचे हैं। इन्होंने इस कैश ट्रांसफर के लिए वर्ल्ड बैंक से मिले लोन की रकम में से भी 14 हजार करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।
आरजेडी के डर से एनडीए में ट्रांसफर हुआ वोट बैंक
चुनाव हार के सवाल पर जनसुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है। जब हमारा वोट बैंक अपनी बुद्धिमानी से एनडीए की तरफ चले गए। उन्होंने कहा, यह चुनाव के बीच जिस तरह से जो पैसों का बांट हुआ है, यह ठीक नहीं था। वहीं अपनी हार का दूसरा कारण बताते हुए उन्होंने कहा, आरजेडी के सत्ता में आने के डर से जो जनसुराज का वोट बैंक था वह एनडीए में चला गया।

