भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निलंबित पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आरा के पूर्व सांसद राज कुमार सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आर के सिंह को “पार्टी-विरोधी गतिविधियों” को लेकर छह साल तक निलंबित कर दिया। पार्टी से निकाले जाने के कुछ ही देर बाद आर के सिंह ने शनिवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सिंह ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा गया पत्र सार्वजनिक करते हुए पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

आर के सिंह ने पूछा सस्पेंशन का कारण
आरके सिंह ने कहा कि निलंबन पत्र में यह नहीं बताया गया है कि वे ‘पार्टी विरोधी गतिविधियां’ क्या हैं, जिनकी वजह से उन्हें सस्पेंड किया। उन्होंने मुझे कारण बताओ नोटिस दिया है और जवाब मांगा है। मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया है, लेकिन मैं बिहार बीजेपी से पूछता हूं कि वे किन ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ की बात कर रहे हैं?
आरके सिंह के तीखे सवाल
आरके सिंह ने कहा कि मैंने कहा था कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले या भ्रष्ट लोगों को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए। क्या यह ‘पार्टी विरोधी गतिविधि’ है? यदि आप आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को टिकट देते हैं तो आप पार्टी की छवि को धूमिल कर रहे हैं। यह पार्टी के हित में नहीं होगा. ऐसे लोगों को टिकट देना किसी के हित में नहीं है। न राष्ट्रीय हित में, न लोगों के हित में, न ही पार्टी के हित में। मेरा बयान पार्टी के हित में था। ऐसी जगह पर रहने का कोई फायदा नहीं है, जहां लोग परेशान हैं कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से सवाल क्यों करते हैं?
आर के सिंह समेत तीन लोगों पर गिरी गाज
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ लगातार तीखी टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री राज कुमार सिंह को भाजपा ने शनिवार को ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के आरोप में निलंबित कर दिया। सिंह के साथ ही पार्टी ने विधान परिषद सदस्य अशोक कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी एवं कटिहार की महापौर उषा अग्रवाल को भी निलंबित किया। अग्रवाल दंपति पर अपने बेटे सौरभ के पक्ष में प्रचार करने का आरोप था, जो विकासशील इंसान पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर कटिहार विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थे और उनका मुकाबला भाजपा के मौजूदा विधायक एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से था।

