मोदी-पुतिन मुलाकात से दुनिया की नजरें भारत पर: 48 घंटे में बदलेगा वैश्विक समीकरण : दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत पहुंचेंगे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

KK Sagar
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुतिन के सम्मान में आज शाम हाई-लेवल डिनर की मेजबानी करेंगे। दोनों नेताओं की गहरी होती रणनीतिक साझेदारी पर अमेरिका और यूरोप की कड़ी नजर है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका-भारत संबंधों में ठंडक मानी जा रही है। इस दौरे को भारत-रूस के बीच रक्षा, ऊर्जा और आर्थिक साझेदारी को नई गति देने वाला अहम कदम माना जा रहा है।

🔹 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन

विदेश मंत्रालय के अनुसार, पुतिन 4–5 दिसंबर को होने वाले 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। पुतिन और मोदी के बीच व्यापक द्विपक्षीय वार्ता होगी। यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर यह यात्रा वैश्विक स्तर पर शक्तिशाली संकेत मानी जा रही है — विशेषकर भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की निरंतर बड़ी खरीद को देखते हुए।

🔸 यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम

शाम 4:30 बजे: पुतिन का विमान नई दिल्ली में लैंड

रात्रि: पीएम मोदी द्वारा निजी हाई डिनर

शुक्रवार सुबह: राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत

राजघाट: पुतिन गांधी स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे

11 बजे — हैदराबाद हाउस: पुतिन-मोदी शिखर वार्ता

भारत मंडपम: व्यापारिक नेताओं से मुलाकात

RT India चैनल का उद्घाटन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राजकीय रात्रिभोज

रात 9:30 बजे: पुतिन की मास्को वापसी

🔹 एजेंडा — रक्षा, ऊर्जा और व्यापार पर बड़ा फोकस

वार्ता में निम्न मुद्दे मुख्य रहेंगे:
✔ रक्षा सहयोग और तेज आपूर्ति
✔ एस-400 मिसाइल सिस्टम की अतिरिक्त खरीद
✔ सुखोई-30 उन्नयन एवं एसयू-57 लड़ाकू विमान पर प्रगति
✔ छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों में सहयोग
✔ फार्मा, कृषि और FMCG सेक्टर में भारतीय निर्यात बढ़ाना
✔ उर्वरक आपूर्ति का विस्तार (रूस हर वर्ष 30–40 लाख टन देता है)

भारत रूसी कच्चे तेल की विशाल खरीद के चलते बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताएगा —
👉 भारत का रूस को निर्यात: 5 अरब डॉलर
👉 रूस से आयात: 65 अरब डॉलर

🔸 यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ एफटीए पर भी तेजी से सहमति की उम्मीद, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

🔹 यूक्रेन संघर्ष भी रहेगा चर्चा में

सूत्रों के अनुसार, पुतिन मोदी को यूक्रेन संघर्ष समाप्ति को लेकर अमेरिकी प्रयासों से अवगत कराएंगे।
भारत की स्पष्ट स्थिति — समाधान केवल संवाद और कूटनीति से।

🔸 समझौतों की उम्मीद

📌 रक्षा सहयोग विस्तार
📌 भारतीय श्रमिकों के रूस में आवागमन को सरल बनाने पर सहमति
📌 व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा में संयुक्त रोडमैप

📌 कूटनीतिक रूप से यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है — एक तरफ पश्चिमी दबाव, दूसरी ओर भारत-रूस की अटूट रणनीतिक साझेदारी। आने वाले 48 घंटे वैश्विक भू-राजनीति के लिए निर्णायक माने जा रहे हैं।

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