32,000 प्राथमिक शिक्षकों को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत, एकल पीठ का बर्खास्तगी आदेश खारिज

Manju
By Manju
2 Min Read

डिजिटल डेस्क। कोलकाता : पश्चिम बंगाल के हजारों प्राथमिक शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें लगभग 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि केवल कुछ विशिष्ट मामलों में अनियमितता पाए जाने के आधार पर पूरी चयन प्रक्रिया को निरस्त करना उचित नहीं है।

ये शिक्षक 2014 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के माध्यम से भर्ती किए गए थे। एकल पीठ ने 12 मई, 2023 को धोखाधड़ी और अनियमितताओं का हवाला देते हुए लगभग 32,000 शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने का निर्देश दिया था, खासकर उनके लिए जिन्होंने भर्ती के समय शिक्षक प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था।

खंडपीठ ने इस फैसले को पलटते हुए मानवीय आधार पर टिप्पणी की कि नौ साल की नौकरी के बाद बर्खास्तगी का इन शिक्षकों और उनके परिवारों पर ‘विनाशकारी प्रभाव’ पड़ेगा। कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की रिपोर्ट पर ध्यान दिया, जिसमें शुरुआत में केवल 264 नियुक्तियों में अनियमितता की पहचान की गई थी, जो बाद में कुछ सौ तक पहुंची। खंडपीठ ने तर्क दिया कि जब जांच एजेंसी ने संदिग्ध उम्मीदवारों की एक सीमित संख्या की पहचान की है, तो 32,000 लोगों की नौकरी छीनना कानूनन सही नहीं होगा, क्योंकि सभी नियुक्तियों में अनियमितता साबित नहीं हुई है।

इस फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुशी जताई, जबकि बर्खास्तगी का आदेश देने वाले तत्कालीन न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि खंडपीठ को फैसला सुनाने का अधिकार है, और उन्होंने वही किया जो उन्हें सही लगा।

Share This Article