बिहार में नई सरकार के गठन के बाद गृह विभाग सम्राट चौधरी के पास आ गया है। गृह मंत्रालय संभलने के बाद सम्राट चौधरी खासे चर्चा में हैं। वे लगातार अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहें हैं। जिसके बाद नए-नए देश और निर्देश जारी के जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले पुलिस मुख्यालय से आदेश निकला था कि पुलिस पदाधिकारी आम नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहरा करंगे। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, ऐसा होता तो नहीं दिख रहा है।

ताजा मामला पटना के जेपी सेतु चेकपोस्ट का है, जहां रविवार शाम ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह और अन्य सिपाहियों ने एक डॉक्टर बीएन चतुर्वेदी और उनके ड्राइवर राजकुमार के साथ बेरहमी से मारपीट की। मारपीट में ड्राइवर राजकुमार की नाक फट गई और वह बुरी तरह घायल हो गए।
शीशा खुलवाकर ड्राइवर को मारा
बताया जा रहा है कि डॉक्टर बीएन चतुर्वेदी एनएमसीएच में कार्यरत हैं। वे छपरा से अपनी कार से पटना लौट रहे थे। आरोप है कि चेकपोस्ट के पास ट्रैफिक पुलिसकर्मी गलत दिशा से ट्रकों को निकालने के लिए वाहनों को रोककर रास्ता बना रहे थे। इसी दौरान, उन्होंने डॉक्टर की कार हटाने के लिए कहा, लेकिन जगह न होने के कारण ड्राइवर गाड़ी को पीछे नहीं कर सका। इसी बात पर जमादार ने कार का शीशा खुलवाकर ड्राइवर को मारना शुरू कर दिया।
डॉक्टर का गला दबावे की कोशिश
चालक राजकुमार का कहना है कि ट्रैफिक दारोगा उपेंद्र साह ने पहले तो गाली-गलौच की, और फिर उन्हें गाड़ी से उतारकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। जब डॉक्टर बीएन चतुर्वेदी ने चालक को बचाने की कोशिश की, तो दारोगा ने डॉक्टर की भी पिटाई की और उनका गला दबा लिया।
गाड़ी में से 22 हजार रुपये निकलने का भी आरोप
वहीं, डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि ट्रक वाले से पुलिसकर्मी पैसा ले रहे थे। इस कारण रोड जाम की स्थिति बनी हुई थी। इसी को लेकर कहने पर विवाद हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी गाड़ी में 22 हजार रुपये थे जिसे पुलिस ने निकाल लिया। मौके पर 6 पुलिसकर्मी मौजूद थे। जब बात बढ़ी तो सभी ने मिलकर उनको और उनके चालक को पीटा। ड्राइवर ने वीडियो बनाना शुरू किया तो उसे और मारा गया। उसका मोबाइल भी छीन लिया गया।

