डिजिटल डेस्क/ कोलकाता : भारतीय सेना की पूर्वी कमान द्वारा 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत की 54वीं वर्षगांठ यानी विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विजय बाइक रैली का कोलकाता में सफलतापूर्वक समापन हो गया। इस रैली का मुख्य उद्देश्य 1971 के युद्ध के नायकों और बलिदानियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देना था।
यह बाइक रैली 25 नवंबर को शुरू हुई थी। पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों के बाइक राइडर्स अलग-अलग स्थानों से यात्रा में शामिल हुए और गुवाहाटी में एकत्र हुए। 1 दिसंबर को, इस रैली को गुवाहाटी के नारंगी मिलिट्री स्टेशन से आधिकारिक तौर पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बाइक सवारों के दल ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को कवर करते हुए 1,350 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की। रविवार सुबह यह दल कोलकाता में पूर्वी कमान मुख्यालय, जिसे विजय दुर्ग के नाम से जाना जाता है, पहुंचा। रैली का समापन विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुआ।
पूर्वी कमान द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस विजय बाइक रैली में कुल 142 बाइकर्स ने हिस्सा लिया था। इनमें भारतीय सेना के 71 मौजूदा जवान और अधिकारी शामिल थे, और शेष 71 आम नागरिक थे, जिनमें कुछ पूर्व सैनिक भी थे। यह रैली दिमापुर, तेजपुर, शिलांग, गुवाहाटी, बिन्नागुड़ी, सुकना, सिलीगुड़ी, हिली, मालदा, पानागढ़ और नबग्राम जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों से गुजरी।
रैली के अंतिम चरण का नेतृत्व पूर्वी कमान के प्रमुख (जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ), लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने किया। लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी रविवार को कोलकाता में प्रतीकात्मक यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने बाइक राइडर्स के साथ मिलकर कोलकाता से गुजरने वाली अंतिम 25 किलोमीटर की औपचारिक यात्रा में हिस्सा लिया और विजय स्मारक पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रास्ते में उत्साहित नागरिकों और अन्य बाइकर्स के जुड़ने से इस कार्यक्रम में देशभक्ति का जोश और उत्साह और भी बढ़ गया।
रक्षा अधिकारी ने बताया कि विजय बाइक रैली 2025 के सफलतापूर्वक पूरा होने के साथ ही, पूर्वी कमान द्वारा 14 से 16 दिसंबर तक आयोजित किए जाने वाले विजय दिवस समारोह की औपचारिक शुरुआत हो गई है। भारतीय सेना हर साल 16 दिसंबर को 1971 के युद्ध में अपनी ऐतिहासिक जीत की याद में विजय दिवस मनाती है।

