बिहार में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भीतरघात करने और एनडीए गठबंधन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे 8 नेजाओं को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पूर्व जिला अध्यक्षों सहित कुल आठ पदाधिकारियों को पदमुक्त कर छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

इन नेताओं पर निष्कासन की गाज
जिन नेताओं पर निष्कासन की गाज गिरी है, उनमें राकेश कुमार (पूर्व जिला अध्यक्ष), सचिन मेहता (पूर्व जिला अध्यक्ष युवा जदयू, नीलू सिंह पटेल (प्रदेश सचिव) आजाद (प्रदेश महासचिव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ), पूरन सिंह पटेल (जिला महासचिव) और इसके साथ ही रितेश आनंद (कसबा), मनोज कुमार दर्वे (डगरूआ) और मीडिया संयोजक प्रदीप कुमार मेहता का नाम शामिल है।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद कार्रवाई
बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान इन नेताओं द्वारा गठबंधन के प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाने की गुप्त शिकायतें मिली थीं। मुख्यालय प्रभारी अनिल कुमार द्वारा जारी पत्र के अनुसार, एक तीन सदस्यीय विशेष जांच दल ने इन शिकायतों की जमीनी स्तर पर पड़ताल की। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद ही इन दिग्गज नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
संगठन की मजबूती के लिए फैसला
प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के निर्देश पर पार्टी ने संगठन की मजबूती और अनुशासन को सर्वोपरि रखते हुए यह फैसला लिया है। जदयू के प्रदेश नेतृत्व ने यह साफ कर दिया कि पार्टी में नेतृत्व का फैसला ही सर्वोपरि होता है। इसमें व्यक्तिगत या निजी हित कोई महत्व नहीं रखता।

