मिरर मीडिया : मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी., ग्रामीण विकास विभाग, झारखण्ड, राँची की अध्यक्षता में आज समाहरणालय के सभाकक्ष में मनरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास-ग्रामीण, रूर्बन एवं 15वाँ वित्त आयेग की समीक्षा की गई।
योजनाओं की समीक्षा करने के बाद उन्होंने मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण (एटीआर) के तहत सभी मामलों को 15 दिनां के अंदर साक्ष्य के साथ अपलोड करते हुए सभी मुद्दों को बंद करने तथा सामाजिक अंकेक्षण (एटीआर) के अन्तर्गत वसूल की गई राशि को एमआईएस में परिलक्षित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने रिजेक्टेड ट्रांजेकशन, एनएमएमएस, एरिया ऑफिसर विजिट एप, जीयो मनरेगा, जॉब कार्ड वेरिफिकेशन, आंगनबाड़ी केन्द्र, सभी लाभुकों का आधार नम्बर सत्यापित करने का निर्देश दिया।
सामाजिक अंकेक्षण (एटीआर) की समीक्षा के दौरान सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले एग्यारकुण्ड प्रखंड के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी श्रीकांत मण्डल से स्पष्टीकरण करते हुए वेतन पर रोक लगाने, गोविंदपुर प्रखंड के एनएमएमएस द्वारा मस्टर रॉल नहीं करने के लिए गोविंदपुर के प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी जितेन्द्र कुमार एवं शाहीदा बेगम के स्पष्टीकरण करते हुए वेतन पर रोक लगाने का निदेश दिया।
समीक्षा के दौरान मनरेगा आयुक्त ने सभी पुरानी लम्बित योजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण करतें हुए बंद करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा सभी मुद्दों पर एक सप्ताह के अंदर अपेक्षित प्रगति नहीं होती है तो पुनः धनबाद जिला के साथ अलग से विशेष विडीयों कॉन्फ्रेसिंग की जाएगी तथा निर्देशित बिंदुओं पर प्रगति नहीं होगी तो चिन्हित करतें हुए पदाधिकारी व कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मनरेगा आयुक्त के साथ उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, परियोजना पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला श्रोत व्यक्ति उपस्थित थे। वहीं ऑनलाइन माध्यम से सभी सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, बी.सी., पीएमईजी ग्रामीण एवं पंचायती राज, सभी पंचायत सचिव, सभी ग्राम रोजगार सेवक जुडे़ हुए थे।