मिरर मीडिया : भारत कोरोना की तीसरी लहर की चपेट से अब लगभग निकल ही चूका है पर फिर चौथी लहर की आशंका के बादल मंडराने लगेगा हैं। हालांकि कोरोना के डराने वाले आंकड़े भारत के बाहर यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया से सामने आ रहें हैं। लिहाज़ा इससे आँखें मुंद लेना भी ठीक नहीं होगा।
जिस तरह से चीन सहित कई देशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं इससे भारत सहित पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। भारत में भी एक्सपर्ट्स चौथी लहर की आशंका जाता रहे हैं। हालांकि, उनका ये भी कहना है कि दिसंबर 2021 से इस साल फरवरी के बीच ज्यादातर लोगों में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी आ चुकी है। बड़ी आबादी को टीका लग चुका है। ऐसे में चौथी लहर के बहुत खतरनाक होने की आशंका कम है, लेकिन सावधानी बरतते रखना जरूरी है। गौरतलब है कि यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना की रफ्तार फिर से बढ़ गई है। चीन में 14 महीने बाद कोरोना ने दो की जान ली है। वहीं, हॉन्ग कॉन्ग में कुल केस 10 लाख पार कर गए, जिनमें से 97% केस कोरोना की हालिया लहर में में सामने आए हैं। वहां वायरस अब तक 5,401 जानें ले चुका है, जो चीन में 2019 में संक्रमण फैलने के बाद से अब तक हुई मौतों (4,636) से भी ज्यादा है।
दक्षिण कोरिया की बात करें तो यहां कोरोना के कुल मामले 90 लाख का आंकड़ा पार कर गए हैं। इनमें से लगभग 14 लाख केस तो गुरुवार से शनिवार के बीच तीन दिन में दर्ज किए गए हैं। यूरोप की बात करें तो फ्रांस, इंग्लैंड और इटली में एक हफ्ते के भीतर मामलों में 30% से ज्यादा की बढ़त देखी गई है. इसी तरह, दुनियाभर में रोज आने वाले कोरोना के मामलों के औसत में पिछले हफ्ते के मुकाबले करीब 12% का इजाफा हुआ है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि कोरोना के आंकड़ों में यह उछाल ‘टिप ऑफ द आइसबर्ग’ है यानी स्थिति जैसी दिख रही है, असल तस्वीर उससे ज्यादा भयावह है। WHO के मुताबिक, महामारी इतनी जल्द खत्म नहीं होने वाली। WHO का यह भी कहना है कि मामले फिर से बढ़ने के पीछे लापरवाही और गलत सूचनाएं प्रमुख हैं। सबसे बड़ी गलत सूचना यह है कि ओमीक्रोन हल्का है। यह धारणा भी गलत है कि यह अंतिम वेरिएंट है। ध्यान रखें कि महामारी खत्म नहीं हुई है। कोरोना की चपेट में ऐसे लोग ज्यादा आ रहा हैं, जिन्हें पूरी तरीके से टीके नहीं लगे हैं।