बड्स गार्डन स्कूल ने फर्जी तरीके से ले रखी है मान्यता : डीईओ ने मांगा स्पष्टीकरण

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मिरर मीडिया धनबाद :  फर्जी तरीके से धनबाद के बर्ड्स गार्डन राजगंज स्कूल ने सीबीएसई की मान्यता ली है। बता दें कि वर्तमान में स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई होती है। मामला सामने आने के बाद स्कूल की कार्यशैली पर सवाल उठने खड़े हो गए हैं एवम स्कूल में पढ़ाई कर रहे छात्रो व अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस स्कूल की झारखंड माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एनओसी फर्जी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसका खुलासा करते हुए धनबाद उपायुक्त को पत्र लिख जांच रिपोर्ट मांगी है पूरे मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए उपायुक्त ने जांच रिपोर्ट डीईओ प्रबला खेस से मांगी है।

फर्जी तरीके से बर्ड्स गार्डन स्कूल ने ले ली मान्यता

सीबीएसई से मान्यता के लिए जमा किया फर्जी एनओसी

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डीसी को जारी पत्र में कहा है कि डीईओ धनबाद के पत्रांक 759 दिनांक 29 मार्च 2022 द्वारा स्कूल को सीबीएसई से संबद्धता अनापत्ति प्रमाणपत्र निर्गत करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। स्कूल के संबंध में सीबीएसई की वेबसाइट से प्राप्त सूचना के अनुसार उक्त विद्यालय को पूर्व में ही सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त है। उक्त संबंद्धता संबंधी एफलिएशन संख्या 3430311 है।

स्कूल वेबसाइट से निदेशालय द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र संबंधी निर्गत पत्रांक 691 दिनांक 15 अप्रैल 2012 प्राप्त हुआ है। इसका कोई भी साक्ष्य अभिलेख अथवा कागजात निदेशालय में नहीं है।

निर्गत पत्र संबंधी अभिलेख की जांच से पता चलता है कि उक्त अभिलेख फर्जी है। यदि स्कूल पूर्व से ही संबद्धता प्राप्त था तो पुन: एनओसी के लिए प्रस्ताव उपस्थापित करना संदेहास्पद है। इस मामले की जांच करते हुए मंतव्य रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराएं ताकि नियमानुसार विधिसम्मत कार्रवाई की जा सके।

हालांकि बड्स गार्डेन स्कूल के प्राचार्य प्रमोद चौरसिया ने कहा कि किसी व्यक्ति के माध्यम से एनओसी मिला था। जैसे ही यह पता चला कि मेरे साथ चीटिंग हुई है,उसके बाद नए सिरे से एनओसी के लिए आवेदन किया गया है।
अब सवाल यह उठता है कि इतने दिनों से फर्जी एनओसी पर संचालित हो रहे स्कूल पर अब तक क्यों नहीं कार्रवाई की गई मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन फर्जी की बात कर रहा है एवं विभाग द्वारा जांच की बातें सामने आ रही है कहीं ना कहीं स्कूल प्रबंधन को पहले भी मामले की जानकारी जरूर होगी।

बता दें कि इससे पहले भी आरटीई के तहत 97 विद्यालयों द्वारा प्राप्त आवेदन के बाद सिर्फ 34 विद्यालय को ही मान्यता मिली थी एवम शेष 63 विद्यालयों के आवेदन को अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत अयोग्य पाते हुए निरस्त कर दिया गया था लेकिन जिन 34 विद्यालयों को मान्यता मिले थे उस पर भी प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन एवंझारखंड अभिभावक महासंघ ने सवाल खड़े किए थे मगर अभी तक विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की गई हालांकि मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए शिक्षा सचिव, झारखण्ड के नाम पत्र जारी कर निजी विद्यालयों के ऊपर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे। वहीं इस पूरे प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए डीईओ प्रबला खेस ने स्कूल से तीन दिनों के अंदर जवाब माँगा है।

बहरहाल जिला प्रशासन पूरे मामले की जांच कर किस प्रकार की कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी।

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