सरकारी नौकरी व रोजगार को लेकर साकची में जसवा का प्रदर्शन, तमाम सरकारी नौकरियों को स्थाई, अनुबंध को बंद करने की मांग

Anupam Kumar
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जमशेदपुर। देश में सरकारी नौकरियों एवं रोजगार को लेकर बने कथित हालात के खिलाफ 23 जून को साकची गोलचक्कर (बिरसा चौक) पर जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार की कथित मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की गई। सेना में भर्ती को लेकर फिलहाल केंद्र सरकार की नई योजना अग्निपथ का पुरजोर विरोध करते हुए कहा गया कि यह सरकार का गलत फैसला है। खासकर रक्षा के क्षेत्र में इस तरह के प्रयोग को कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता है। पहले सांसदों और मंत्रियों के वेतन, भत्ते में की जाय कटौती जसवा ने आरोप लगाया कि सरकार तमाम सरकारी संस्थानों को लगातार बेच रही है। नौकरियों को अनुबंध के आधार पर ला रही है। अगर ऐसा ही करना है तो शुरुआत सांसदों और मंत्रियों से की जाए। उनके वेतन, भत्ते, पीएफ इत्यादि की कटौती की जाए। सरकार ने देश के अंदर लगातार अजीबोग़रीब तरीके से कानून बनाकर जनता के धैर्य और मूड की परीक्षा ले रही है। सरकार का विरोध करते हुए मांग की कि यह सिलसिला बंद होना चाहिए। देश के युवा आक्रोश में है और लगातार हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। अग्निपथ जैसी योजनाओं का विरोध समीचीन-मंथन जसवा नेता मंथन ने कहा कि अग्निपथ जैसी योजना का जसवा पुरजोर विरोध करती है। और सेना में पहले की तरह भर्ती की मांग करती है। इसके साथ ही तमाम सरकारी नौकरियों को स्थाई करने और अनुबंध आधरित नौकरी को बंद करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि संगठन देश के अंदर तमाम ऐसे कार्यों का विरोध करता रहेगा, जो देश और देश की जनता के हित में न हो। इस प्रदर्शन में विशेष तौर पर कुमार चंद्र मार्डी, भाषाण मानमी, दीपक रंजीत, सुनील, अंकुर, शशांक, उषा देवगम, नीता कुमारी, झुमुर मानिंद, दिलीप आदि शामिल हुए।

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