मिरर मीडिया : अब जमीन जायदाद की रजिस्ट्री कराने के लिए अंचल कार्यालय से खतियान का सत्यापित कराना होगा। यानी की अब संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र, खतियान या शुद्धि पत्र सिओ से सत्यापित करवाने के बाद ही रजिस्ट्री होगा। तीनों में से किसी एक का सत्यापन जरूरी है। इसके बाद अंचलाधिकारी उस सत्यापित पत्र को अवर निबंधक को ईमेल से सूचना देंगे। जिसके बाद अवर निबंधक संपत्ति की रजिस्ट्री करेंगे। जबकि पूर्व में ऑनलाइन सत्यापन कर रजिस्ट्री होती थी।
सरकार के नए फरमान से धनबाद एवम गोविंदपुर में संपत्ति की रजिस्ट्री पूरी तरह से ठप्प देखी गई। इस दौरान सरकार का लाखों का राजस्व प्रभावित हुआ। वही पूरे मामले पर जानकारी देते हुए अवर निबंधक उज्जवल मिंज ने बताया कि ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया गया है। पूर्व में ऑनलाइन खतियान का सत्यापन होता था। पहले के अनुसार लोगों को खतियान के सत्यापन प्रति लाना होता था। फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नया प्रावधान लाया गया है। सरकार का आदेश है कि सत्यापित कॉपी के आधार पर रजिस्ट्री की जाएगी। अगर खतियान की कॉपी नहीं है तो अंचलाधिकारी से पंजी-टू का सत्यापन, भू स्वामित्व प्रमाण पत्र या शुद्धि पत्र किसी एक को देना होगा।
अंचलअधिकारी द्वारा मेल से भेजे गए सत्यापित पत्र का मिलान करने के बाद ही प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होगी। शहरी क्षेत्र में लोगों के पास खतियान उपलब्ध नहीं है। और नया सर्वे नहीं होने के कारण खतियान की बहुत दिक्कत है। इस कारण शहरी क्षेत्र के लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा था। यह नियम लागू करने से पारदर्शिता आएगी और जो खरीदार है उन्हें फायदा पहुंचेगा।