मिरर मीडिया : एक तरफ ED की लगातार छापेमारी के क्रम में जिसमें सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के बाद प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद गिरफ्त में आ चुके हैं जबकि इससे पहले झारखंड में कई अधिकारी भी इसमें फंस चुके हैं वहीं दूसरी तरफ झारखंड में गठबंधन में चल रही सरकार भी डगमगाने लगी है जिसमें कांग्रेस के इरफ़ान अंसारी सहित तीन विधायक के कार से कैश मिलने पर ससपेंड करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिए गया।
इसी क्रम में जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय ने कैश बरामदगी मामले से जुड़े झारखंड के तीन विधायकों को लेकर सीधा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए संस्कृत के एक श्लोक मौनं स्वीकृति: लक्षणम् को कहतें हुए चरितार्थ कोयन है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उनके विधायक प्रतिनिधि ईडी की हिरासत में हैं, उनके प्रेस सलाहकार से पूछताछ के लिए समन किया गया है। ऐसे में सीएम को चुप न रहकर बोलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुप्पी तोड़िये साहब, राज्य की छवि पहले ही खराब है। संसदीय राजनीति के लिहाज से झारखंड में यह विचित्र प्रकृति बन रही है, जो पूरे सिस्टम को खोखला कर रही है। पूरा मामला गंभीर है, कैश के स्त्रोत का पता लगाया जाना उतना ही जरूरी है, जितना कैश का पकड़ा जाना।
इस बाबत केंद्रीय एजेंसियों का भी हस्तक्षेप जरूरी
सरयू राय ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को देख ऐसा लगता है जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हीं ने इसे उजागर करवाने का भी काम किया है। उन्होंने इसे राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने से जोड़ा और साथ ही कहा कि कैश मामले में अब चूंकि एफआईआर दर्ज हो गयी है, तो उस लिहाज से अच्छे मकसद के लिए केंद्रीय एजेंसियां इडी और सीबीआई को भी हस्तक्षेप करना चाहिए।