मिरर मीडिया : कोरोना काल में करीब दो वर्षो से धनबाद के डिगवाडीह में गणेश पूजा का आयोजन नहीं किया जा रहा था पर इस बार बीते 2 वर्षों के बाद गणेश चतुर्दशी का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ किया जा रहा है। आपको बता दें कि लगभग 10 दिनों तक डिगवाडीह में गणेश पूजा का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़े पैमाने पर मेला लगाया जाता है। यूं तो जीले में आधा दर्जन से अधिक बड़े आयोजन हो रहे है जिसमे मनईटांड़ , बरमसिया हरिनारायण कालोनी, बेकारबांध स्थित जिला परिषद रेस्ट हाउस, आईआईटी आईएसएम, सिंदरी राँगामाटी टीओपी मैदान शामिल है।
लेकिन पिछले कई वर्षों से बेहतरीन गणेश पूजा महोत्सव में शुमार डिगवाडीह पुराना मंदिर के स्वरूप बना पंडाल लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। डिगवाडीह में गणेश चतुर्दशी पर लगने वाले भव्य मेला भी लोगों के लिए वक उमंग भर कर लाया है. जिसे लोग देखने के लिए धनबाद के पड़ोसी जिले से भी पहुंचते हैं। गणेश पूजा कमेटी के पदाधिकारी डा एमके ठाकुर के अनुसार कोयलांचल के बेहतरीन गणेश पूजा महोत्सव में शुमार डिगवाडीह सर्कस मैदान है। यहाँ 34 वां वार्षिक गणेश महोत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल के कारीगरों के द्वारा पुराना मंदिर स्वरूप पंडाल का निर्माण किया गया। पंडाल के अन्दर का आकर्षक सीन आसनसोल के शोहेल डेकोरेटर की ओर से बनाया जा रहा रहा है।
गणेश पूजा कमेटी के पदाधिकारी डा एमके ठाकुर ने बताया है कि पंडाल के अन्दर का आकर्षक सीन आसनसोल के शोहेल डेकोरेटर की ओर से बनाया जा रहा रहा है। राजगद्दी- सिंहासन में गणपति जी महाराज बिराजेंगे। भक्तों को पूजा के दौरान बेहतर कला इस बार देखने को मिलेगी। वहीं डिगवाडीह गणेश पूजा महोत्सव इस साल 19 दिनों तक चलेगा। गणेश पूजा समिति के डा एमके ठाकुर ने कहा कि दो साल तक कोरोना महामारी के कारण मेला नहीं लगा। लेकिन इस वर्ष कोरोना पूरी तरह से समाप्त हो चुका है जिसे देखते हुए कमेटी के द्वारा गणपति पंडाल के साथ-साथ भव्य मेले का भी आयोजन किया जा रहा है मेले में बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए मेला में एक से बढ़ कर एक मनोरंजक के उपाय किए गए हैं।